KitKat Dark Chocolate : आज-कल बाजार में कई मिठाइयां और चॉकलेट ऐसे नामों के साथ आती हैं जो हमें भ्रमित कर देते हैं. हाल ही में ‘किटकैट डार्क’ नाम की चॉकलेट ने भी लोगों का ध्यान खींचा है. नाम सुनकर लगता है कि ये असली डार्क चॉकलेट होगी, लेकिन जब इसके घटकों पर नजर डालते हैं, तो कहानी कुछ और ही निकलती है.
असली डार्क चॉकलेट क्या होती है?
डार्क चॉकलेट नार्मल मिल्क चॉकलेट से अलग होती है. इसमें कोको सॉलिड्स (cocoa solids) और कोको बटर (cocoa butter) की मात्रा ज्यादा होती है. भारत में फूड सेफटी और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नियमों के अनुसार, किसी चॉकलेट को ‘डार्क चॉकलेट’ कहने के लिए उसमें कम से कम 35% कोको सॉलिड्स और 18% कोको बटर होना चाहिए. इससे चॉकलेट का स्वाद गहरा, कम मीठा और ज्यादा कोको वाला बनता है.
किटकैट डार्क में क्या है?
अगर हम किटकैट डार्क के पैकेट पर लिखी जानकारी देखें, तो इसमें सिर्फ 28% कोको सॉलिड्स और 8% कोको बटर है. यानी ये FSSAI के मानकों से काफी कम है. इस वजह से इसे तकनीकी रूप से डार्क चॉकलेट नहीं कहा जा सकता.
इस चॉकलेट में दूध के घटक और शक्कर की मात्रा ज्यादा है, जिससे इसका स्वाद मिल्क चॉकलेट जैसा लगता है. जो लोग असली डार्क चॉकलेट के कड़वे और गहरे स्वाद की उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें ये चॉकलेट वैसी नहीं लगेगी.
शक्कर ज्यादा, स्वाद मीठा
सबसे हैरानी की बात ये है कि किटकैट डार्क में नार्मल किटकैट से भी ज्यादा शक्कर पाई गई है. इसका मतलब है कि डार्क नाम के बावजूद ये चॉकलेट और भी मीठी है. ये बात साफ दिखाती है कि नाम और वास्तविकता में बड़ा अंतर है.
नाम से धोखा न खाएं
कई बार कंपनियां अपने उत्पादों को आकर्षक नाम देकर बेचती हैं ताकि लोग उसे प्रीमियम या हेल्दी समझ लें. डार्क शब्द भी ऐसा ही एक उदाहरण है. असल में ये नाम केवल मार्केटिंग का तरीका है, जबकि चॉकलेट की गुणवत्ता और घटक इसे सपोर्ट नहीं करते.

