Kupwara Encounter: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में हुए एनकाउंटर में दो आतंकियों के मारे जाने के बाद सुरक्षा बलों ने जो बरामदगी की, उसने खुफिया एजेंसियों को चौंका दिया है. सेना को मौके से चीन में निर्मित तीन हैंड-ग्रेनेड, M4 राइफल, AK-47, ग्लॉक पिस्तौलें, सैकड़ों राउंड कारतूस, और साथ ही पाकिस्तानी सिगरेट पैकेट, दवाइयां, तथा ड्राई फ्रूट्स की पैकेजिंग जैसी चीजें मिलीं. इन सबूतों से यह संकेत मिलता है कि आतंकियों को सीधे सीमा पार से सप्लाई और निर्देश मिल रहे थे और उनका संचालन पाकिस्तानी सेना के इशारे पर हो रहा था.
आतंकियों तक कैसे पहुंचा चीनी हैंड-ग्रेनेड?
सबसे बड़ा सवाल इन चीनी हैंड-ग्रेनेड के आतंकियों तक पहुंचने का है. विश्लेषकों के अनुसार, इसका जवाब पाकिस्तान और चीन की बढ़ती सैन्य साझेदारी में छिपा है. चीन लंबे समय से पाकिस्तान को आधुनिक हथियार, सैन्य तकनीक और रक्षा उपकरण उपलब्ध कराता रहा है — चाहे वो लड़ाकू विमान हों या सामरिक हथियार. पाकिस्तान की सेना और उसके खुफिया तंत्र ने इन हथियारों का उपयोग सिर्फ अपने सशस्त्र बलों के लिए नहीं, बल्कि आतंकियों और अलगाववादी तत्वों तक पहुंचाने में भी किया है.
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जम्मू-कश्मीर को लेकर पाक की आतंकी चाल
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान घाटी को अस्थिर करने की नीति से पीछे नहीं हट रहा है. वह ट्रेनिंग कैंपों में आतंकियों को तैयार कर लॉन्च-पैड्स के जरिए उन्हें आधुनिक हथियारों से लैस कर घाटी में भेजता है. हालिया पहलगाम जैसे हमले इसी नीति की कड़ी माने जा रहे हैं.
पाक के साथ मिलकर चीन चल रहा कोई नई चाल
कुपवाड़ा एनकाउंटर में चीनी हैंड-ग्रेनेड की बरामदगी यह साबित करती है कि पाक-चीन गठजोड़ भारत के लिए लगातार सुरक्षा चुनौती बना हुआ है. यह सिर्फ एक हथियार बरामदगी नहीं, बल्कि उस भू-राजनीतिक साजिश का संकेत है जिसमें चीन के उत्पादित हथियारों का इस्तेमाल भारत की स्थिरता को भंग करने के लिए किया जा रहा है.
विशेषज्ञों ने चेताया है कि भारत को इस रणनीतिक गठजोड़ से सावधान रहना होगा और चीन को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके हथियारों का दुरुपयोग पड़ोसी देशों में हिंसा फैलाने के लिए न हो.
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