Earthquake in Delhi:दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप सुबह 9:04 बजे आया। झटके काफी देर तक महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था। झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
रोक दिया गया था मेट्रो का परिचालन
भूकंप के दौरान कुछ देर के लिए मेट्रो का परिचालन रोक दिया गया था। अब मेट्रो का परिचालन सामान्य हो गया है। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जब पंखे और घरेलू सामान हिलने लगे तो लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। नोएडा और गुरुग्राम के दफ्तरों में भी झटके महसूस किए गए, जहाँ कंप्यूटर सिस्टम हिल गए और कर्मचारियों ने भी भूकंप का एहसास किया।
यूपी और बिहार के कई शहरों में भूकंप के झटके
इससे पहले 12 मई को यूपी और बिहार के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए थे। कुछ ने कहा कि झटके हल्के थे, तो कुछ ने इसे डरावना बताया था।
इस साल 17 फरवरी को भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। राजधानी में सुबह करीब छह बजे भूकंप का झटका आया था। रिक्टर पैमाने पर 4.0 तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं के पास था। भूकंप का केंद्र जमीन से करीब पांच किलोमीटर नीचे माना गया था। भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। लेकिन लोग दहशत में जरूर आ गए थे।
दिल्ली में भूकंप का कारण
नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, गंगा बेसिन लगभग 2.50 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यह भारतीय प्रायद्वीप के उत्तरी मैदानों और हिमालय के बीच स्थित है। यह पश्चिम में दिल्ली-हरिद्वार रिज से शुरू होकर पूर्व में मुंगेर-सहरसा रिज तक फैला हुआ है। दिल्ली की भूमि अरावली-दिल्ली वलित पट्टी, यानी 54.40 करोड़ से 250 करोड़ वर्ष पूर्व निर्मित पहाड़ी क्षेत्रों और गंगा बेसिन के पश्चिमी किनारे के पास स्थित है। दूसरी बात, यमुना नदी के मैदानी इलाकों में भू-परत नरम है और यही कारण है कि इन क्षेत्रों में भूकंपीय तरंगें अधिक महसूस की जाती हैं। यदि यह परत ठोस होती, तो तरंगें कम महसूस होतीं। दूसरी बात, दिल्ली में भ्रंश रेखाओं की गहराई लगभग 150 किलोमीटर है।
सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली सहित यमुना और उसके बाढ़ के मैदानों के अधिकांश क्षेत्र सर्वाधिक संवेदनशील हैं।लुटियंस, जनकपुरी, रोहिणी, करोल बाग, पश्चिम विहार, सरिता विहार, गीता कॉलोनी, शकरपुर और जनकपुरी सहित कई अन्य क्षेत्र भूकंप के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्र हैं। दिल्ली हवाई अड्डा और हौज़ खास भी उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं।यमुना बैंक, पीतमपुरा, उत्तम नगर, नरेला और पंजाबी बाग को 6.5 तीव्रता के भूकंप के लिए अत्यंत संवेदनशील माना गया है।
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