Sahara Portal for refund: सहारा इंडिया की विभिन्न निवेश योजनाओं में देशभर के करोड़ों लोगों का पैसा वर्षों से फंसा हुआ है. लाखों निवेशकों ने अपनी जीवनभर की मेहनत की कमाई सहारा की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़ में जमा की थी, लेकिन कंपनी पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और अवैध रूप से धन जुटाने के आरोप लगने के बाद यह पैसा अटक गया. निवेशकों की लगातार बढ़ती शिकायतों और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केंद्र सरकार ने इस साल जुलाई में एक विशेष Sahara Refund Portal लॉन्च किया, ताकि उन लोगों को राहत मिल सके जिनका पैसा लंबे समय से फंसा हुआ है.
24,000 करोड़ रुपये धोखाधड़ी की आरोप
सहारा समूह पर यह आरोप लगा था कि इसकी कंपनियों ने निवेशकों से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अवैध तरीके से जमा की और समय आने पर उन्हें उनका पैसा वापस नहीं किया. इस मामले में सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ पोंजी स्कीम चलाने और मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप लगाए गए. वित्तीय अनियमितताओं की जांच के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि लगभग 5.43 करोड़ निवेशकों ने कुल 1,13,504.124 करोड़ रुपये का दावा किया. इनमें से 26,25,090 वास्तविक जमाकर्ताओं को अब तक 5,053.01 करोड़ रुपये की राशि वापस भी की जा चुकी है.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद सहारा की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज—
1. सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड,
2. सहारा यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसाइटी लिमिटेड,
3. हमसफर डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, और
4. स्टार मल्टीपरपज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड—के निवेशकों के लिए रिफंड प्रक्रिया शुरू की है.
किसे मिलेगा रिफंड?
सरकार के अनुमान के मुताबिक, दिसंबर 2026 तक सहारा की इन सोसाइटीज़ के करीब 32 लाख निवेशक अपने दावे जमा कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2012 में स्पष्ट कर दिया था कि वैध दस्तावेज़ और असली निवेश प्रमाण रखने वाले निवेशकों को ही रिफंड दिया जाएगा. उसी फैसले के तहत आज रिफंड प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है.
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रिफंड पाने के लिए निवेशकों को पोर्टल पर अपना नाम, मोबाइल नंबर, आधार, बैंक खाता और निवेश से जुड़े दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं. सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र निवेशकों को उनका पैसा सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाता है. यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जा रही है ताकि फर्जी दावों को रोका जा सके और वास्तविक निवेशकों को ही लाभ मिले.
सरकार का यह कदम वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. सहारा विवाद से जुड़े वित्तीय घोटाले ने जहां निवेशकों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया, वहीं अब रिफंड प्रक्रिया से धीरे-धीरे उन्हें अपनी मेहनत की कमाई वापस मिलने की उम्मीद बढ़ी है. जस-जैसे पोर्टल पर दावे और सत्यापन आगे बढ़ेंगे, और अधिक निवेशकों को रिफंड मिलने की संभावना है.

