Dhirendra Shastri Hanumant Katha: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री वैसे तो हर दिन सुर्ख़ियों में रहते हैं. आज एक बार फिर उनकी एक खबर सामने आ रही है. दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बंगाल में होने वाली अपनी यात्रा रद्द होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अपनी इस प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि जब तक बंगाल में दीदी हैं, हम वहां नहीं जाएंगे. दीदी की जगह जब दादा आएंगे, तब जरूर जाएंगे. पश्चिम बंगाल में अगला विधानसभा चुनाव 2026 में होने वाला है. धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान को पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा सकता है.
धीरेंद्र शास्त्री ने ऐसा बयान क्यों दिया? (Why did Dhirendra Shastri give such a statement?)
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब पश्चिम बंगाल में बाबा बागेश्वर की कथा आयोजित करने की परमिशन रद्द कर दी गई थी. कोलकाता में 10 से 12 अक्टूबर तक इस कथा का आयोजन होना था. कथा का परमिशन नहीं मिलने के बाद शास्त्री जी ने अपने अनुयायियों को आश्वस्त किया कि वे धर्म और समाज के हित में ही निर्णय लेते हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री हमेशा विवादित बयान देते हैं. उनका मानना है कि वे हिंदू धर्म की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं.
फिर शास्त्री जी ने क्यों बोला थैंक्यू? (Then why did Shastri ji say thank you?)
धीरेंद्र शास्त्री ने कथाओं की अनुमति रद्द होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. इस पर जब किसी ने उनसे सवाल पूछा कि अब क्या करेंगे तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि हमने कहा थैंक यू बोल देना. इसके अलावा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल समाज और धर्म को मार्गदर्शन देना है, न कि किसी राजनीतिक या व्यक्तिगत विवाद में पड़ना. उनका यह बयान धार्मिक समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है और लोगों में उत्सुकता बढ़ा दी है कि आगे उनकी यात्रा पर क्या असर पड़ेगा.धीरेंद्र शास्त्री ने कथाओं की अनुमति रद्द होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की.
धीरेंद्र शास्त्री की बंगाल यात्रा के क्या है मायने? (What is the significance of Dhirendra Shastri’s visit to Bengal?)
धीरेंद्र शास्त्री ने भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि भगवान करें दीदी बनी रहें, हमें उनसे कोई बुराई नहीं है, लेकिन बुद्धि ठीक रखें, धर्म के खिलाफ न रहें. इसके अलावा, उन्होंने अपने अनुयायियों को धर्म के मूल्यों और समाज की भलाई पर ध्यान देने की सलाह दी. शास्त्री जी का यह रुख यह दर्शाता है कि वे धार्मिक आयोजनों और कथा प्रवचन के माध्यम से समाज में नैतिक संदेश देना चाहते हैं और किसी राजनीतिक विवाद में नहीं पड़ना चाहते.
आगामी कार्यक्रम और संदेश (Upcoming events and messages)
10 से 12 अक्टूबर को कोलकाता में बाबा बागेश्वर की कथा आयोजित नहीं हो पाएगी, लेकिन धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि भविष्य में यह यात्रा केवल तभी होगी जब उचित वातावरण और परमिशन मिले. उनका संदेश अनुयायियों और समाज के लिए साफ है कि धर्म और नैतिकता हमेशा सर्वोपरि हैं. इस बयान ने धार्मिक अनुयायियों में गहरी छाप छोड़ी है और बंगाल में उनके आने वाले कार्यक्रमों पर लोगों की नजरें बनी हुई हैं.
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