Narayan Rane On Uddhav Raj Thackeray: पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बुधवार (2 जुलाई) को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने की चर्चा पर प्रतिक्रिया दी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर दो भाई साथ आ रहे हैं तो बीजेपी को इससे क्या दिक्कत है, इस पर नारायण राणे ने कहा कि हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है। दो भाई नहीं, सभी भाइयों को साथ लाओ। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पहले हम साथ थे। बीजेपी, एकनाथ शिंदे और अजित पवार, इन तीनों पार्टियों के पास आज 235 विधायक हैं। कोई चिंता की बात नहीं है।
‘राज ठाकरे को जाना है या नहीं, ये उनका सवाल है’
नारायण राणे ने आगे कहा, “ये राज ठाकरे का सवाल है। उन्हें साथ जाना है या नहीं। साथ जाना सही है या नहीं, ये पहचानना उनकी जिम्मेदारी है, हमारी नहीं।”
मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे ने कुछ नहीं किया- नारायण राणे
मराठी भाषा विवाद पर उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “राजनीति के लिए कुछ कारण चाहिए। उन्हें कुछ नहीं मिलता। किसान हों या मजदूर, वे महाराष्ट्र की जनता के सवाल नहीं उठा सकते। उनमें ताकत नहीं है। मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने कुछ नहीं किया। ढाई साल में दो दिन के लिए मंत्रालय आए। उनका काम कुछ नहीं था और आज भी नहीं है। आज भी दूसरे लोग मराठी का मुद्दा उठा रहे हैं, वे श्रेय लेने के लिए उसमें शामिल होना चाहते हैं। उन्हें श्रेय नहीं मिलने वाला है।”
‘उद्धव ठाकरे ने कितने मराठी युवाओं को नौकरी दी?’
राणे ने आगे कहा, ‘उद्धव ठाकरे पूरे दिन मराठी-मराठी क्यों कहते रहते हैं? उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने कितने मराठी युवाओं को नौकरी दी है। क्या वे कोई नीति लेकर आए, नहीं। वे सोनिया गांधी और शरद पवार के साथ चले गए। तब उन्हें मराठी याद नहीं आई। उद्धव ठाकरे कभी एक जगह खड़े नहीं रहते।”
दुकानदार की पिटाई पर उन्होंने क्या कहा?
हिंदी भाषी दुकानदार की पिटाई के सवाल पर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता। लेकिन किसी भी हिंदी भाषी व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए।”

