TV channels New Advisory: दिल्ली के लाल किले के पास हुए हालिया विस्फोट, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई, के बाद कुछ निजी टीवी चैनलों द्वारा विस्फोटक बनाने से जुड़ी सामग्री और संदिग्धों से संबंधित रिपोर्टें प्रसारित किए जाने पर केंद्र ने सख्त रुख अपनाया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी समाचार चैनलों को एक परामर्श जारी करते हुए ऐसी रिपोर्टिंग पर रोक लगाने और जिम्मेदार पत्रकारिता अपनाने के निर्देश दिए हैं.
‘इस तरह का प्रसारण हिंसा को बढ़ावा दे सकता है’
मंत्रालय के अनुसार, कुछ चैनलों ने ऐसी सामग्री दिखाई जो न केवल विस्फोट में शामिल कथित व्यक्तियों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रही थी, बल्कि उनके हिंसक कृत्यों को किसी हद तक उचित ठहराने की कोशिश भी की गई. इससे भी अधिक चिंता का विषय यह था कि कुछ रिपोर्टों में विस्फोटक सामग्री बनाने से संबंधित सूचनात्मक वीडियो दिखाए गए, जो गंभीर सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं.
मंत्रालय ने चेताया कि इस तरह का प्रसारण अनजाने में हिंसा को बढ़ावा दे सकता है, सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.
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‘रिपोर्टिंग करते समय संवेदनशीलता बरते चैनल’
परामर्श में कहा गया कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय चैनलों को उच्चतम स्तर का विवेक और संवेदनशीलता बरतनी चाहिए. सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी कार्यक्रम में अश्लील, मानहानिकारक, झूठी, भड़काऊ या आधे-अधूरे तथ्यों पर आधारित सामग्री नहीं दिखाई जानी चाहिए. हिंसा को प्रोत्साहित करने या कानून-व्यवस्था को बाधित करने वाली किसी भी सामग्री को सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है.
साथ ही, राष्ट्र-विरोधी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने या देश की अखंडता को प्रभावित करने वाली किसी भी दृश्य सामग्री या टिप्पणी से पूरी तरह बचने की हिदायत दी गई है.
‘ऐसी रिपोर्टिंग गलत तत्वों को प्रेरित कर सकती है’
परामर्श में यह भी कहा गया है कि टीवी चैनल किसी भी ऐसी सामग्री का प्रसारण न करें जिसमें विस्फोटक बनाने, हथियारों के उपयोग, अवैध गतिविधियों या आतंकी घटनाओं की ‘टेक्निकल डिटेल’ शामिल हो. सरकार का मानना है कि इस तरह का प्रसारण समाज में असुरक्षा पैदा कर सकता है और गलत तत्वों को प्रेरित कर सकता है.

