India Census 2027: COVID-19 महामारी के कारण जनगणना 2021 से टाल दी गई थी और गृह मंत्रालय ने मंगलवार को पुष्टि की कि जनगणना करने वाले मुख्य रूप से अपने स्मार्टफोन (एंड्रॉइड और iOS दोनों) पर इंस्टॉल किए गए मोबाइल ऐप के ज़रिए डेटा इकट्ठा करेंगे, और नागरिकों के पास एक खास वेब पोर्टल के ज़रिए खुद से जानकारी देने का विकल्प भी होगा. पूरे ऑपरेशन को जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (CMMS) पोर्टल के ज़रिए रियल टाइम में कोऑर्डिनेट किया जाएगा.
अब होगी डिजिटल जनगणना
जूनियर गृह मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, “2027 की जनगणना डिजिटल तरीके से कराने का फैसला किया गया है. डेटा मोबाइल ऐप के ज़रिए इकट्ठा करने की योजना है. जवाब देने वाले वेब पोर्टल के ज़रिए खुद भी जानकारी दे सकते हैं. तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि “जनगणना प्रक्रिया को एक खास पोर्टल के ज़रिए मैनेज और मॉनिटर किया जाएगा. जनगणना में, हर व्यक्ति की जानकारी उस जगह से इकट्ठा की जाती है जहां वो गिनती की पूरी अवधि के दौरान पाया जाता है. इसके अलावा, हर व्यक्ति के जन्म स्थान और पिछले रहने की जगह के आधार पर माइग्रेशन डेटा इकट्ठा किया जाता है. जनगणना में मौजूदा निवास स्थान पर रहने की अवधि और माइग्रेशन के कारण के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जाती है. जनगणना के लिए प्रश्नावली को फील्ड वर्क शुरू करने से पहले केंद्र सरकार द्वारा ऑफिशियल गजट के ज़रिए नोटिफाई किया जाता है.
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जानिए इसका फायदा
इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस कदम से भारत अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, घाना और केन्या जैसे देशों की कतार में आ गया है, जिन्होंने पहले ही डिजिटल या हाइब्रिड जनगणना अपना ली है. फिर भी, इसका पैमाना – दुनिया के सबसे विविध और डिजिटल रूप से असमान समाजों में से एक में 1.4 अरब से ज़्यादा लोगों को कवर करना – इसे अनोखे तरीके से महत्वाकांक्षी बनाता है.
जनगणना दो चरणों में होगी
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अप्रैल से सितंबर 2026 तक घरों की लिस्टिंग और मैपिंग, जिसके बाद फरवरी-मार्च 2027 में जनसंख्या की गिनती होगी.
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