Amit Shah In Parliament: सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान उस समय गरमागरम माहौल देखने को मिला जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहलगाम हमले पर भारत के रुख और प्रतिक्रिया पर बयान दिया। अपने भाषण के दौरान, सदन में विपक्षी नेताओं ने कई बार मंत्री को बीच में टोका, जिससे गृह मंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करना पड़ा। विपक्षी नेताओं की हूटिंग के बीच अमित शाह ने कहा, “क्या आप अपने ही विदेश मंत्री पर विश्वास नहीं करेंगे?”
अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे…
गृह मंत्री ने आगे कहा, “मुझे इस बात पर आपत्ति है कि उन्हें (विपक्ष को) किसी भारतीय विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है। मैं उनकी पार्टी में विदेशी लोगों के महत्व को समझ सकता हूँ। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहाँ सदन में थोप दी जाएँ। यही वजह है कि वे वहाँ (विपक्षी बेंच पर) बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे।”
जयशंकर ने विपक्ष को दिया करारा जवाब
इससे पहले, भारत के बढ़ते कूटनीतिक प्रभाव का ज़ोरदार दावा करते हुए, जयशंकर ने लोकसभा को बताया कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी लेने वाले रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को अब एक वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया है। जयशंकर ने इस सफलता का श्रेय अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की निरंतर कूटनीति को दिया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत के कूटनीतिक प्रयासों से अभूतपूर्व प्रगति हुई है। उन्होंने पाकिस्तान में लंबे समय से मौजूद आतंकी ठिकानों का ज़िक्र करते हुए कहा, “किसने सोचा था कि बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों को इस तरह ध्वस्त कर दिया जाएगा?” उनकी टिप्पणियों ने सीमा पार आतंकवाद पर वैश्विक समुदाय के रुख में बदलाव और इसका मुकाबला करने में भारत की सक्रिय भूमिका का संकेत दिया।
क्वाड और ब्रिक्स समूहों ने की हमले की निंदा – जयशंकर
जयशंकर ने पहलगाम हमले की बहुपक्षीय कड़ी निंदा पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने आतंकवाद-रोधी मुद्दों पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की ओर इशारा करते हुए कहा, “क्वाड और ब्रिक्स जैसे समूहों के साथ-साथ कई अलग-अलग देशों ने भी इस हमले की खुलकर निंदा की है।”
उन्होंने वैश्विक शक्तियों से मिल रहे महत्वपूर्ण समर्थन पर भी ज़ोर दिया। जयशंकर ने सदन को बताया, “जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा है कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है और वे हमारा समर्थन करेंगे। फ्रांस और यूरोपीय संघ की ओर से भी इसी तरह के समर्थन के बयान आए हैं।” उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की मजबूत वैश्विक स्थिति को भी रेखांकित किया।

