Who was Wing Commander Namansh Syal: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के छोटे से गांव पतियालकर में हाल ही में भारतीय वायुसेना के बहादुर अधिकारी विंग कमांडर नमांश स्याल की शहादत की खबर पर विश्वास करना लोगों के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है. दुबई एयर शो के दौरान शनिवार को तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 34 साल नमांश स्याल ने अपनी जान गंवा दी.
गांव के लोगों के लिए ये खबर सदमे से कम नहीं है. सभी उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी और देशभक्ति की मिसाल के रूप में याद कर रहे हैं. उनका कहना है कि “नमांश ने मरते समय भी हजारों लोगों की जान बचाने के लिए विमान को आबादी से दूर मोड़ा”, जो उनके जज्बे और साहस को दिखाता है.
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
नमांश अपने पीछे अपनी पत्नी जो खुद भी वायुसेना में अधिकारी हैं, छह साल की बेटी और माता-पिता को छोड़ गए हैं. शनिवार सुबह से ही उनके घर में दिल दहलाने वाले दृश्य देखे गए. आस-पड़ोस के लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं, पर किसी का भी रोना थम नहीं रहा.
यूट्यूब पर वीडियो ढूंढते हुए मिली दर्दनाक खबर
नमांश के पिता जगन नाथ स्याल, जो एक सेवानिवृत्त स्कूल प्रिंसिपल हैं, अपने बेटे के एयर शो की झलक देखने के लिए यूट्यूब पर वीडियो ढूंढ रहे थे. तभी उन्हें विमान हादसे की खबर दिखी. उन्होंने बताया: “कल ही मेरी उससे बात हुई थी. उसने कहा था कि मैं उसका प्रदर्शन टीवी या यूट्यूब पर जरूर देखूं. आज जब मैं वीडियो ढूंढ रहा था, तभी क्रैश की खबर सामने आ गई. मैंने तुरंत अपनी बहू को फोन किया, जो खुद भी विंग कमांडर है. थोड़ी देर बाद छह वायुसेना अधिकारी घर आ गए… तब मुझे समझ आया कि मेरा बेटा अब नहीं रहा.”
परिवार को हादसे की पुष्टि कैसे मिली
नमांश के चाचा जोगिंदरनाथ स्याल ने बताया कि उन्हें शुक्रवार दोपहर हादसे का पता चला. वे बताते हैं कि एक किरायेदार, जो कतर में काम करता है और छुट्टियों पर गांव आया था, उसने इंटरनेट पर खबरें देखीं और पुष्टि की कि क्रैश हुआ विमान नमांश ही उड़ा रहे थे. चाचा ने कहा: “पहले तो उनके पिता को विश्वास नहीं हुआ. पर जब हमने पुष्ट जानकारी दी, तब वे इस दर्दनाक सच को स्वीकार कर पाए.”
अंतिम यात्रा की तैयारियां
नमांश के पार्थिव शरीर को शनिवार सुबह कोयंबटूर के पास स्थित सुलूर एयरफोर्स स्टेशन लाया गया. वहां से रविवार को उसे कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट लाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं.
पत्नी भी वायुसेना में, 2014 में हुई थी शादी
नमांश की पत्नी भी भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं. दोनों की मुलाकात पहली पोस्टिंग के दौरान पठानकोट में हुई थी. 2014 में दोनों ने शादी की थी. अब उनकी छह साल की छोटी बेटी अपने पिता को खो चुकी है.
नमांश ने पढ़ाई सैनिक स्कूल सुजानपुर तीरा (हमीरपुर) से की थी. शनिवार को स्कूल में विशेष प्रार्थना सभा की गई, जहां प्रिंसिपल और शिक्षकों ने नमांश को याद किया. स्टाफ सदस्य राकेश राणा ने बताया कि नमांश चिनाब हाउस के कैप्टन थे और बेहतरीन खिलाड़ी भी. उनका रोल नंबर 1906 आज भी सबको याद है. पुराने छात्र भी सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और यादें शेयर कर रहे हैं. सभी कह रहे हैं कि नमांश ने देश का नाम रोशन किया और उनकी शहादत हमेशा याद रखी जाएगी.
वायुसेना का बयान
भारतीय वायुसेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि दुबई एयर शो के दौरान तेजस विमान का हादसा हुआ और पायलट को गंभीर चोटें आईं, जिनमें उनकी जान चली गई. वायुसेना ने परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. हादसे के कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बिठाई जा रही है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, तेजस विमान लगभग 3:40 बजे (भारतीय समय) पर गिरा. नमांश एयर शो में आठ मिनट का प्रदर्शन कर रहे थे और उन्होंने अंतिम क्षणों तक विमान को कंट्रोल कर भीड़ से दूर ले जाने की कोशिश की.
पतियालकर गांव का हर व्यक्ति आज गर्व और दुख से भरा है. नमांश ने केवल अपने जीवन में ही नहीं, बल्कि अंतिम क्षणों में भी ये दिखा दिया कि एक सैनिक की पहली जिम्मेदारी देश और उसके लोगों की रक्षा करना है. उनकी शहादत हमेशा सम्मान के साथ याद की जाएगी.

