अक्षय महाराणा की रिपोर्ट, Odisha News: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में चल रहे “अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण से जुड़ी संसदीय एवं राज्य विधानमंडल समितियों के अध्यक्षों का राष्ट्रीय सम्मेलन” के दौरान शुक्रवार शाम एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश की कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहें। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरिबाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओड़िशा सरकार के कई मंत्री, सांसद और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। मंच पर उपस्थित इन गणमान्य अतिथियों का राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया।
राष्ट्रीय सम्मेलन का महत्व
कार्यक्रम की शुरुआत ओडिशा के शास्त्रीय और लोकनृत्य प्रस्तुतियों से हुई। गोपीनाथ नृत्य, गोटीपुआ और संबलपुरी लोकगीतों ने दर्शकों का मन मोह लिया। कलाकारों ने ओडिशा की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध परंपरा को बेहद आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया। आयोजन स्थल पर उपस्थित अतिथियों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इस सांस्कृतिक शाम का उद्देश्य न केवल सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों का स्वागत करना था, बल्कि देशभर से आए प्रतिभागियों को ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराना भी था। राष्ट्रीय सम्मेलन का महत्व भी विशेष है क्योंकि लंबे समय बाद इस तरह का आयोजन ओडिशा में हो रहा है।
अनुसूचित जाति और जनजाति
इसमें संसद और विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं की समितियों के अध्यक्ष एक ही मंच पर मिलकर अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के विकास, कल्याण और अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नीतियों और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के साथ-साथ राज्यों के बीच आपसी अनुभवों और चुनौतियों को साझा करना है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए सभी संस्थाओं का सामूहिक प्रयास जरूरी है। इस सम्मेलन को सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। राज्यपाल डॉ. हरिबाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन देशभर में वंचित वर्गों के कल्याणकारी कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मेलन, दोनों ने मिलकर भुवनेश्वर को इन दिनों राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बना दिया है।
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