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15 दिन में माफी मांगों वरना…रोहिणी आचार्य समेत इन नेताओं को BJP लीगल सेल ने भेजा ऐसा नोटिस, थर्रा गया पूरा विपक्ष

BJP Minister Jivesh Mishra: भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने सांसद पप्पू यादव, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम समेत अन्य नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर नकली दवाओं को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में भेजा गया है।

Published by Sohail Rahman

BJP Minister Jivesh Mishra: भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने सांसद पप्पू यादव, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम समेत अन्य नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर नकली दवाओं को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में भेजा गया है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक आर दीक्षित ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर वे 15 दिनों के अंदर माफी नहीं मांगते हैं तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि जीवेश मिश्रा न तो किसी दवा कंपनी के मालिक हैं और न ही उनका उनसे किसी तरह का संबंध है।

सांसद पप्पू यादव ने की थी ये टिप्पणी

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, नीतीश सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री जीवेश कुमार उर्फ जीवेश मिश्रा नकली दवा मामले में दोषी पाए गए थे। राजस्थान की राजसमंद कोर्ट ने पिछले महीने उन्हें 15 साल पुराने एक मामले में दोषी ठहराया था। हालांकि, बाद में उन्हें 7000 रुपये का जुर्माना देकर अच्छे आचरण की शर्त पर रिहा कर दिया गया था। इस मामले को लेकर सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जीवेश मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की थी। उन्हें नकली दवा माफिया कहा गया था।

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रोहिणी आचार्य ने क्या कहा था?

राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि यह एक लाचार, बेसुध और समझौतावादी मुख्यमंत्री की सरकार है। एक नकली दवा विक्रेता भी मंत्री की कुर्सी पर बैठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार अनैतिक गतिविधियों में लिप्त लोगों का जमावड़ा है। एक सिद्ध मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाना तो दूर, वे कुछ कहने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष राजेश राठौड़ ने नकली दवाओं के नेटवर्क और कनेक्शन की जांच की मांग की थी।

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कब का है मामला?

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला सितंबर 2010 का है। राजस्थान के देवगढ़ (राजसमंद) स्थित कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर्स कंपनी में निरीक्षण के दौरान दवाओं के नमूने लिए गए थे। जब इन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया, तो सिप्रोलीन-500 टैबलेट मिलावटी और घटिया श्रेणी की पाई गईं। जाँच में पता चला कि कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर्स को ये दवाएँ ऑल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी और दो अन्य फर्मों द्वारा सप्लाई की गई थीं। जीवेश मिश्रा इस कंपनी के निदेशक हैं।

इस मामले में राजसमंद कोर्ट ने 4 जून 2025 को जीवेश मिश्रा समेत 9 आरोपियों को दोषी करार दिया था। सजा पर फैसला 1 जुलाई को सुनाया गया। इस दिन मिश्रा भी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए क्रिमिनल प्रोबेशन एक्ट के तहत अच्छा आचरण बनाए रखने की शर्त पर रिहा कर दिया।

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