Sex Life Problems: अक्सर कहा जाता है कि हम जो खाते हैं उसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. यह बात न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और सेक्स लाइफ के लिए भी सच है. जब मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो यह और भी सच लगता है. पोषण और मनोदशा संबंधी विकारों के बीच क्या संबंध है? नोएडा स्थित आहार विशेषज्ञ कामिनी सिन्हा हमें बताती हैं कि हमारे आहार में किन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और किन खाद्य पदार्थों को बाहर करना चाहिए जो हमारे मूड को प्रभावित करते हैं.
खाने का सेक्स पर असर
आपके भोजन में मौजूद पोषण और आपका मूड एक-दूसरे पर निर्भर हैं. इसे इस तरह समझा जा सकता है: अगर आप सही मात्रा में पोषण नहीं ले रहे हैं, तो यह आपके मूड को खराब कर सकता है. उदास होने पर, हम कम पौष्टिक या अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की ओर ज़्यादा आकर्षित होते हैं. अगर हम कम उम्र से ही स्वस्थ खाना शुरू कर दें, तो इससे आगे चलकर अवसाद होने का खतरा कम हो जाता है.यह न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.
शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
हमारा खाना हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, और हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी इससे जुड़ा हुआ है. उदाहरण के लिए, यदि हमारे आहार में बहुत अधिक तला हुआ या मीठा भोजन शामिल है, तो मनोदशा संबंधी विकारों का खतरा बढ़ जाता है. विटामिन बी या ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों की कमी से अवसाद के लक्षण हो सकते हैं.
किस प्रकार के खाद्य पदार्थ अच्छे हैं?
कम कैलोरी वाला खाना खाएं
अच्छे मूड के लिए या मूड स्विंग की स्थिति में, कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए; इससे शरीर में नकारात्मक ऊर्जा कम होती है.
कैफीन का सेवन कम मात्रा में करें
यदि हम कैफीन का सेवन कम मात्रा में करते हैं, तो शरीर नकारात्मक ऊर्जा नहीं छोड़ेगा और हम हाइपर मोड में नहीं रहेंगे.
कम तेल और मसालेदार भोजन
मनोदशा संबंधी विकारों से बचने के लिए, भोजन को कम तेल में पकाना चाहिए. साथ ही, भोजन में मिर्च और मसालों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए. इससे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
मस्तिष्क के लिए क्या स्वस्थ है?
ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे मस्तिष्क के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ये शरीर में न्यूरॉन्स और फाइटोकेमिकल्स को सक्रिय रखने में मदद करते हैं. ये मुक्त कणों को भी हटाते हैं. विटामिन B6 और B12 भी मूड डिसऑर्डर को कम करने में मददगार माने जाते हैं.
हाइड्रेटेड रहना जरूरी है
किसी भी तरह के मूड डिसऑर्डर में हाइड्रेशन बहुत ज़रूरी है. इसलिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ. उचित हाइड्रेशन चिड़चिड़ापन कम करता है और दिल व दिमाग के लिए भी अच्छा माना जाता है.
डार्क चॉकलेट मूड बेहतर बनाती है
जब भी आप उदास या बुरे मूड में हों, तो थोड़ी सी डार्क चॉकलेट भी आपके मूड पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.

