हिंदी सिनेमा की शुरुआत से लेकर 50 के दशक तक कई एक्ट्रसेज आईं और गईं, लेकिन कुछ चेहरे ऐसे रहे जिन्होंने अपनी खूबसूरती और एक्टिंग से सिनेमा पर अमिट छाप छोड़ी. उन्हीं में एक नाम है- शकीला, जिनकी यादगार अदाएं आज भी दिलों में जिंदा हैं. फिल्म ‘सीआईडी’ का गाना ‘आंखों ही आंखों में इशारा हो गया’ जब भी बजता है, देव आनंद और शकीला की जोड़ी जेहन में उतर आती है. उनकी केमिस्ट्री, उनका अंदाज और आंखों की बात कहने का तरीका लोगों को आज भी बांध लेता है.
‘लेके पहला-पहला प्यार’ एक शानदार याद
शकीला और देव आनंद की जोड़ी फिल्म ‘सीआईडी’ के ही एक और फेमस गाने ‘लेके पहला-पहला प्यार’ में भी नजर आई. ये गाना सिर्फ एक रोमांटिक गाना नहीं, बल्कि उस दौर की मासूम मोहब्बत और संगीत की खूबसूरत मिसाल है. शकीला की मासूमियत और स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें लोगों के दिलों में एक खास जगह दिलाई.
शकीला के बारे में
शकीला का जन्म 1 जनवरी 1935 को एक शाही परिवार में हुआ था. उनके पूर्वज ईरान और अफगानिस्तान के शाही खानदान से ताल्लुक रखते थे. बचपन में ही उन्होंने परिवारिक कलह और सत्ता स्ट्रगल के कारण अपने माता-पिता को खो दिया. इसके बाद वो अपनी बहनों के साथ मुंबई आ गईं, जहां उनकी बुआ ने उन्हें पाला और फिल्मों की ओर आगे बढ़ाया.
शकीला ने कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन फिल्मी दुनिया का हिस्सा बनेंगी. लेकिन किस्मत ने उन्हें गुरु दत्त जैसे निर्माता-निर्देशक से मिलवाया, जिन्होंने उन्हें फिल्मों में पहला मौका दिया. ‘सीआईडी’ में भले ही उनका रोल सपोर्टिंग था, लेकिन उनका असर लीड एक्ट्रेसेज से कम नहीं था.
बड़े सितारों के साथ किया काम
अपने करियर में शकीला ने देव आनंद, शम्मी कपूर, सुनील दत्त जैसे दिग्गजों के साथ स्क्रीन शेयर की. उन्होंने गुमास्ता, सिंदबाद द सेलर, अरमान, शहंशाह, राज महल जैसी फिल्मों में भी काम किया और हर किरदार में अपनी एक खास छाप छोड़ी.
2017 में कहा अलविदा
20 सितंबर 2017 को 82 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से शकीला का निधन हो गया. लेकिन उनके निभाए किरदार, गाने और उनकी मोहक मुस्कान आज भी पुराने हिंदी सिनेमा के दीवानों के दिलों में जिंदा हैं.
शकीला न सिर्फ एक खूबसूरत चेहरा थीं, बल्कि एक ऐसा नाम थीं जो स्ट्रगलों से लड़कर अपने हुनर के दम पर शोहरत की बुलंदियों तक पहुंची.

