Ethiopian Volcanic Ash: इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट से उठा राख का गुबार ने दिल्ली-एनसीआर के लिए किसी तरह का कोई खतरा पैदा नहीं किया गया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, यहा राख का गुबार ऊपरी वायुमंडल यानी (Upper Troposphere) में था, जिसकी वजह से धरती की सतह पर इसका किसी तरह का कोई खास असर नहीं देखने को मिला.
राहत और वायु गुणवत्ता में क्या है सुधार?
जानकारी के मुताबिक, राख का गुबार सोमवार रात करीब 11 बजे दिल्ली पहुंचा और फिर गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा के ऊपर से गुज़रता हुआ दिखाई दिया. तो वहीं, मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में तेज धूप और हवा की रफ्तार की वजह से वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखने को मिला है.
मौसम विभाग के महानिदेशक ने क्या दी जानकारी?
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि राख का गुबार केवल ऊपरी वायुमंडल में ही है, इसलिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) या फिर स्थानीय मौसम पर इसका किसी तरह का कोई असर देखने को नहीं मिला है.
कैसी है वर्तमान स्थिति और आगे का क्या है रुख?
राख का यह गुबार अब पूरब की तरफ तेजी से बढ़ रहा है और इसका रुख चीन की तरफ हो गया है, जिससे दिल्ली-एनसीआर पर मंडराया संकट फिलहाल टल गया है, जिससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने राहत की सांस ली है. हांलाकि, इस सिर्फ और सिर्फ असर केवल ऊपरी वायुमंडल में होने की वजह से यह उड़ानों पर प्रभाव डाल सकता है, लेकिन आम जीवन पर इसका असर नहीं देखने को मिलेगा.
मौसम विभाग ने क्या लगाया अनुमान ?
मौसम विभाग ने यह अनुमान लगाया है कि बुधवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में कोहरा दिखाई देने की आशंका है, लेकिन यह ज्वालामुखी की राख से फिलहाल संबंधित नहीं है. तो वहीं, आने वाले दिनों में AQI का मिला-जुला रुख देखने को भी जल्द मिल सकता है.

