पिछले 18 महीनों में हुए 7 विधानसभा चुनाव, इन राज्यों का एग्जिट पोल देख किसकी बढ़ेगी टेंशन? NDA या महागठबंधन

Bihar Chunav 2025: एग्ज़िट पोल एक सर्वेक्षण है जिसमें मतदान केंद्र से बाहर निकलते समय मतदाताओं से सवाल पूछे जाते हैं. एग्ज़िट पोल एक तरह का अनुमान है. लोगों के साक्षात्कार से यह तय होता है कि किस पार्टी को सबसे ज़्यादा वोट मिलेंगे.

Published by Heena Khan

Bihar Election Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरण की मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. वहीं अब इसके एग्जिट पोल भी आने लगे हैं. एग्जिट पोल ने अपने अनुमान दिखाने शुरू कर दिए हैं. लेकिन हर बार एग्जिट पोल सही हो ऐसा नहीं होता. इस बार कौन बिहार का मुख्यमंत्री का पद संभालेगा ये तो 14 नवंबर को तय होगा. ऐसा इसलिए क्यूंकि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे ही 14 नवंबर 2025 को आने हैं. वहीं आज हम आपको बताएंगे कि एग्जिट पोल के मुताबिक ही जीत होती है या नहीं. 

क्या हमेशा एग्जिट पोल सही होते हैं?

पहले तो आपकी जानकारी  के लिए बता दें कि एग्ज़िट पोल एक सर्वेक्षण है जिसमें मतदान केंद्र से बाहर निकलते समय मतदाताओं से सवाल पूछे जाते हैं. एग्ज़िट पोल एक तरह का अनुमान है. लोगों के साक्षात्कार से यह तय होता है कि किस पार्टी को सबसे ज़्यादा वोट मिलेंगे. इनका उद्देश्य प्रत्येक पार्टी के लिए जनता के समर्थन का आकलन करना होता है. हालाँकि, ये सिर्फ़ अनुमान होते हैं और इनके नतीजे अक्सर गलत होते हैं. ऐसा ही कुछ पिछले 18 महीनों में देखने को मिला, जब 6 राज्यों में एग्जिट पोल गलत साबित हुआ है. 

महाराष्ट्र

सबसे पहले हम बात करेंगे महाराष्ट्र की. दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एजेंसियों के एग्जिट पोल नतीजों से काफी दूर रहे. राज्य में NDA को 235 और MVA को 49 सीटें मिलीं, लेकिन अधिकांश पोल ने NDA को उससे काफी कम और MVM को अधिक दिखाया. किसी भी एजेंसी का अनुमापन 40% के आस-पास भी नहीं पहुंच पाया. कुल मिलाकर महाराष्ट्र में एग्जिट पोल की सटीकता काफी कमजोर रही.

झारखंड

वहीं अगर बात करें झारखंड विधानसभा चुनाव की तो यहां एग्जिट पोल मिला जुला रहा. राज्य में एनडीए को 24 और इंडिया गठबंधन को 56 सीटें मिलीं, लेकिन केवल एक एजेंसी ही 90% से ज्यादा सटीक रही. बाकी अधिकांश पोल 20% से 60% की सटीकता के बीच ही रहे. कई सर्वे एनडीए को वास्तविकता से कहीं अधिक बढ़त देते दिखे. कुल मिलाकर झारखंड में एग्जिट पोल नतीजों का अनुमान लगाने में काफी हद तक संघर्ष करते दिखे.

हरियाणा

जानकारी के मुताबिक हरियाणा विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स पूरी तरह चूक गए. अधिकांश सर्वे ने कांग्रेस को स्पष्ट बढ़त और भाजपा को 20–25 सीटों के आसपास दिखाया था, लेकिन असल नतीजों में भाजपा ने 48 सीटें जीत लीं और कांग्रेस 37 पर सिमट गई. कुल मिलाकर हरियाणा में एग्जिट पोल्स की सटीकता बेहद कमजोर रही और गलत भी साबित हुई. 

दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव में टॉप 9 एजेंसियों के एग्जिट पोल 50% से ज्यादा सटीक रहे. 5 एजेंसियों का अनुमान 80% से ज्यादा सही रहा. वहीं, राजधानी में भाजपा की सरकार बनी, लगभग सभी एजेंसियों ने यही अनुमान लगाया था. कुल मिलाकर दिल्ली में एग्जिट पोल काफी हद तक वास्तविक नतीजों से मेल खाते दिखे.

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जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स के अनुमान वास्तविक नतीजों से काफी अलग रहे. अधिकांश एजेंसियों ने भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बताया था और कांग्रेस–नेशनल कॉन्फ्रेंस (INDIA गठबंधन) को 35–40 सीटों तक सीमित दिखाया था. लेकिन नतीजों में तस्वीर उलट गई. INDIA गठबंधन ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की. कुल मिलाकर एग्जिट पोल्स की सटीकता 60% से भी कम रही.

आंध्र प्रदेश

वहीं आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स का प्रदर्शन लगभग सभी प्रमुख एजेंसियों के लिए गलत साबित हुआ. अधिकांश सर्वे ने सत्तारूढ़ YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) को भारी बहुमत का अनुमान दिया था. वास्तविक नतीजों में TDP+ ने 175 में से 164 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जबकि YSRCP केवल 11 सीटों पर सिमट गई. कुल मिलाकर, आंध्र प्रदेश में एग्जिट पोल्स की सटीकता बेहद कमजोर रही.

ओडिशा 

ओडिशा विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स के अनुमान वास्तविक नतीजों से बिल्कुल उलट साबित हुए. लगभग सभी प्रमुख सर्वे ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) को स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करते हुए 90–110 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. वास्तविक नतीजों में भाजपा ने 147 में से 78 सीटें जीतकर पहली बार बहुमत हासिल किया. कुल मिलाकर, ओडिशा में एग्जिट पोल्स की सटीकता कमजोर रही.

कुल मिलाकर ये उदहारण इसलिए दिए गए हैं क्योंकि 18 महीनों में हुए अधिकतर राज्यों में विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल गलत ही साबित हुए हैं. जबकि एक दो राज्यों में एग्जिट पोल संघर्ष करते नजर आए हैं. इसलिए कहा जा सकता है कि एग्जिट पोल हमेशा सही नहीं होते. 

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