Bihar SIR: वोटर लिस्ट से हटाए गए 3.66 लाख लोगों की जानकारी दे चुनाव आयोग, SC का बड़ा आदेश

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की थी, जिसमें मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है. एसआईआर से पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी.

Published by Hasnain Alam

Bihar SIR News: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इस बीच महागठबंधन की ओर से बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा लगातार उठाया जा रहा है. अब सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह बिहार की एसआईआर प्रक्रिया के बाद तैयार अंतिम मतदाता सूची से बाहर किये गए 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उसे उपलब्ध कराए. 

चुनाव आयोग ने कोर्ट को सूचित किया कि जोड़े गए अधिकांश नाम नए मतदाताओं के हैं और अब तक सूची से बाहर किये गए किसी भी मतदाता ने कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग बाहर रखे गए मतदाताओं के बारे में उपलब्ध सभी जानकारी बृहस्पतिवार (9 अक्टूबर) तक अदालत के रिकॉर्ड पर लाये, जब वह एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेगी.

30 सितंबर को प्रकाशित हो चुकी है अंतिम सूची

अदालत ने कहा कि सभी के पास मतदाता सूची का मसौदा है और अंतिम सूची भी 30 सितंबर को प्रकाशित हो चुकी है, इसलिए तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से आवश्यक आंकड़े प्रस्तुत किए जा सकते हैं. जस्टिस बागची ने चुनाव आयोग का पक्ष रखने के लिए पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा कि अदालती आदेशों के परिणामस्वरूप चुनावी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और पहुंच बढ़ी है.

पीठ ने कहा कि चूंकि अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या से ऐसा प्रतीत होता है कि मसौदा सूची की संख्या में वृद्धि की गई है, इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए, अतिरिक्त मतदाताओं की पहचान का खुलासा किया जाना चाहिए. जस्टिस बागची ने कहा- ‘आप हमसे सहमत होंगे कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और पहुंच में सुधार हुआ है. आंकड़ों से पता चलता है कि आपके द्वारा प्रकाशित मसौदा सूची में 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए थे.’

आप किसी को हटा रहे हैं, तो नियम का पालन करें: जस्टिस बागची

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जस्टिस बागची ने आगे कहा- ‘हमने कहा कि जिनकी मृत्यु हो गई या जो स्थानांतरित हो गया है वह ठीक है, लेकिन यदि आप किसी को हटा रहे हैं, तो कृपया नियम 21 और एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) का पालन करें.’ उन्होंने कहा- ‘हमने यह भी कहा कि जिनके भी नाम हटाए गए हैं, कृपया उनके आंकड़े अपने निर्वाचन कार्यालयों में जमा कराएं. अब अंतिम सूची आंकड़ों में वृद्धि प्रतीत होती है और सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति है – जोड़े गए नामों की पहचान क्या है, क्या वे हटाए गए नाम हैं या नए नाम हैं.’

द्विवेदी ने जवाब दिया कि अधिकतर नाम नए मतदाताओं के हैं और कुछ पुराने मतदाता भी हैं, जिनके नाम मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद जोड़े गए हैं. उन्होंने कहा- ‘अबतक किसी ऐसे किसी मतदाता ने शिकायत या अपील नहीं की है जिसका नाम हटाया गया है.’

7.42 करोड़ रह गई है मतदाताओं की संख्या

चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है, जबकि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी. हालांकि, एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची के मुताबिक अंतिम सूची में मतदाताओं से संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है. 

मसौदा सूची में यह संख्या 7.24 थी. मसौदा सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं की दोहरीकरण सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे.  चुनाव आयोग ने छह अक्टूबर को घोषणा की कि 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर छह नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि शेष 122 निर्वाचन क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होगा. मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी. भाषा   धीरज माधवमाधव

Hasnain Alam

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