Bihar Election 2025: बिहार में दोनों चरणों के मतदान समाप्त हो गया है. इस बार बिहार के वोटर्स ने मतदान के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बिहार में 40 साल में पहली बार वोटिंग का आंकड़ा 65 के पार गया हैं.बिहार में जहां पहले चरण में मतदना प्रतिशत 65.08 रहा. वहीं दूसरे चरण में मतदना प्रतिश 69.12 % रहा. दोनों चरणों को मिलाकर करीब 67.10 फीसदी वोट पड़े जो पिछले चुनाव की तुलना में 9.81 फीसदी अधिक है. इस बार यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है. 2020 में 57.29 फीसदी वोटिंग हुई थी.
महिलाओं ने जमकर किया मतदान
वहीं बिहार के महिलाओं ने भी एक रिकॉर्ड अपने नाम किया है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मतदान प्रतिशत 9% ज्यादा है.नंबरों के हिसाब से करीब 5 लाख ज्यादा. ऐसा पहली बार हुआ है.16 एग्जिट पोल्स के पोल ऑफ पोल्स में एनडीए 243 में से 154 सीटें जीतकर फिर से सरकार बना रहा है. माना जा रहा है कि नीतीश सरकार की जोरदार वापसी के पीछे महिला वोटरों का हाथ है.
पीछले तीन चुनावों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से ज़्यादा
बता दें कि 1962 के बिहार चुनाव में महिला और पुरुष मतदान प्रतिशत में काफी अंतर था. ये अंतर 23% था. लेकिन 2025 में ये तस्वीर पूरी तरह बदल गई है. पिछले 3 चुनावों की बात करें तो 2010, 2015 और 2020 में महिला मतदाताओं ने जमकर मतदान किया है जिसकी वजह से आकड़े 1962 बिल्कुल अलग नजर आते हैं. इन तीनों चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से ज़्यादा रहा.
पिछले चुनाव में NDA को मिले 2.08 लाख ज्यादा महिलाओं के वोट
बता दें कि पीछले चुनाव में NDA को 1 करोड़ 57 लाख 2 हजार 650 वोट मिले थे. वहीं महागठबंधन को 1 करोड़ 56 लाख 91 हजार 500 वोट मिले थे. 2020 में NDA को महागठबंधन से 11,250 वोट ज्यादा मिले. 2020 में 2.08 करोड़ महिलाओं ने वोट किया था. इस दौरान 38% NDA को और 37% ने महागठबंधन को वोट दिया. यानी पीछले चुनाव में NDA को महागठबंधन से 2.08 लाख ज्यादा महिलाओं के वोट मिले.
महिलाओं के लिए नीतीश सरकार के मुख्य काम
नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले 1.21 करोड़ महिलाओं को 10-10 हज़ार रुपये दिए. स्कूली छात्राओं को साइकिल और यूनिफॉर्म बांटी गईं. इसके बाद पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया. 2016 में घरेलू हिंसा रोकने के लिए शराबबंदी लागू की गई. सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण दिया गया. जुलाई 2025 में, इसे बिहार में केवल महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया.अगस्त 2025 में महिला रोज़गार योजना शुरू की गई. चुनाव से ठीक पहले, 1.21 करोड़ महिलाओं के खातों में 10-10 हज़ार रुपये की पहली किस्त जमा की गई.इसके अलावा, नीतीश कुमार सरकार छह अन्य योजनाओं के ज़रिए छोटी बच्चियों से लेकर बुज़ुर्ग महिलाओं तक, सभी को सीधे नकद हस्तांतरण प्रदान कर रही है.
तेजस्वी का वादा: महिलाओं को हर साल 30,000 रुपये.
तेजस्वी ने महिलाओं को लेकर किए ये बड़े एलान
पहले चरण के मतदान से दो दिन पहले, तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो 14 जनवरी को हर महिला को हर साल 30,000 रुपये दिए जाएंगे.महागठबंधन ने जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और 30,000 रुपये मासिक वेतन देने का वादा किया है.अपने घोषणापत्र में, इसने भूमिहीनों को दी गई ज़मीन पर महिलाओं को मालिकाना हक़ देने की बात की है.इसने विधवाओं और बुज़ुर्गों की पेंशन बढ़ाकर 1,500 रुपये प्रति माह करने और छात्राओं को छात्रवृत्ति देने की बात कही है. इसने मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली लड़कियों की फ़ीस माफ़ करने या 75% तक सब्सिडी देने का वादा किया है.

