दुलारचंद हत्याकांड के बाद बिहार में चलेगा हरियाणा का डंडा! जानें कौन हैं IPS अपराजित लोहान? जिनके सामने कांपते हैं बड़े-बड़े बाहुबली

IPS Aparajit Lohan:हरियाणा के हिसार निवासी अपराजित लोहान 2020 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं.वे अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक पृष्ठभूमि और सख्त छवि के लिए जाने जाते हैं.

Published by Divyanshi Singh

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है. इसी बीच बिहार में एक बड़ा बदलाव हुआ है. मोकामा में बहुचर्चित दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद IPS अधिकारी अपराजित लोहान (Aprajit Lohan) को पटना का नया ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) नियुक्त किया है.

चुनाव आयोग के निर्देश पर की गई कार्रवाई

यह कार्रवाई चुनाव आयोग के निर्देश पर की गई है, जिसने कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के कारण तत्कालीन ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रम सिहाग को हटा दिया था. इस नियुक्ति ने अपनी सख्त कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले अपराजित लोहान को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है.

कौन हैं IPS अपराजित लोहान?

हरियाणा के हिसार निवासी अपराजित लोहान 2020 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वे अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक पृष्ठभूमि और सख्त छवि के लिए जाने जाते हैं. पुलिस सेवा में आने से पहले, उन्होंने प्रतिष्ठित आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. उन्होंने इंजीनियरिंग के चौथे वर्ष में यूपीएससी की तैयारी शुरू की और 2019 में अपने पहले ही प्रयास में 174वीं रैंक हासिल करके एक मिसाल कायम की. महज़ 27 साल की उम्र में, लोहान न सिर्फ़ एक सख़्त पुलिस अधिकारी हैं, बल्कि रैप संगीत और लॉन टेनिस के भी दीवाने हैं. सोशल मीडिया पर उनकी अच्छी पकड़ है, जहां वे काफ़ी सक्रिय रहते हैं.

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ट्रैफिक एसपी बन वसूले120 करोड़

पटना ग्रामीण एसपी बनने से पहले, अपराजित लोहान पटना  ट्रैफिक एसपी के पद पर कार्यरत थे, जहां उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. पदभार ग्रहण करने के बाद, वे एक्शन मोड में आ गए. उन्होंने पटना की ट्रैफ़िक व्यवस्था को सुधारने के लिए सड़कों पर उतरकर ख़ुद इसकी कमान संभाली. इस दौरान, उन्होंने नो-पार्किंग ज़ोन में खड़ी गाड़ियों, जिनमें आम नागरिक और विधायक भी शामिल थे, के चालान काटकर सुर्खियां बटोरीं. ट्रैफ़िक पुलिस अधीक्षक के तौर पर आठ महीनों में 120 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है.

सौंपी गई चुनौतीपूर्ण ज़िम्मेदारी

अब दुलार चंद हत्याकांड जैसी संवेदनशील घटना के बाद सरकार ने उन्हें एक चुनौतीपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंपी है. राजनीतिक रूप से संवेदनशील मोकामा क्षेत्र में शांति और कानून-व्यवस्था बहाल करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. उनकी नियुक्ति को सरकार की ओर से एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि चुनावी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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