Bihar Election First Phase Voting: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) के पहले चरण का मतदान कल यानी गुरुवार (6 नंवबर, 2025) को डाला जाएगा, ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि चुनाव वाले दिन स्कूल, दफ्तर और बैंक बंद रहेंगे या नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एकदम बंद रहेंगे. इस सवाल का जवाब हम नहीं बल्कि चुनाव आयोग ने खुद दी है और ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कोई भी मतदाता वोट डालने से वंचित न रह जाए. इसके अलावा, दूसरे चरण का मतदान 11 नंवबर को होगा. वहीं मतगणना 14 नवंबर 2025 को होगी.
क्या-क्या रहेंगे बंद? (What will remain closed?)
मतदान के दिन राज्य सरकार के अधीन आने वाले सभी स्कूल, कॉलेज, बैंक और सरकारी दफ्तरों में अवकाश रहेगा. इसका कारण यह है कि अधिकतर सरकारी कर्मचारी मतदान कार्यों में ड्यूटी पर तैनात रहते हैं या स्वयं वोट डालने जाते हैं. इसलिए, ये संस्थान आमतौर पर पूरे दिन बंद रहते हैं. वहीं निजी संस्थानों और कंपनियों को भी यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को मतदान के दिन छुट्टी दें ताकि वे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें. यदि किसी कंपनी या फैक्ट्री को पूरी तरह बंद करना संभव नहीं है, तो कम से कम कर्मचारियों को शिफ्ट के हिसाब से वोट डालने का समय देना अनिवार्य होगा.
इसके अलावा, सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल, किराना दुकानें, मेडिकल स्टोर आदि जो भी जरूरी चीजें हैं. वो खुली रहेंगी.
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कर्मचारियों को मिलेगी पेड लीव (Employees will get paid leave)
चुनाव आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वोटिंग के दिन हर पात्र मतदाता को सवेतन अवकाश मिलेगा. यह प्रावधान जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135B में दिया गया है. इस कानून के अनुसार कोई भी नियोक्ता किसी कर्मचारी को मतदान के दिन काम पर आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. यदि कर्मचारी मतदान के लिए अवकाश लेता है, तो उस दिन का वेतन काटा नहीं जा सकता. इसका अर्थ ये हुआ कि चाहे आप सरकारी कर्मचारी, निजी कंपनी में कार्यरत हों, ठेका मजदूर हों या दैनिक वेतनभोगी हर किसी को यह अधिकार प्राप्त है.
कानून न मानने वालों पर सख्त कार्रवाई (Strict action against those who do not obey the law)
चुनाव आयोग ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई नियोक्ता या संस्था इस नियम का पालन नहीं करती है और अपने कर्मचारियों को वोट डालने से रोकती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जा सकता है. लोकतंत्र में मतदान हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, इसलिए किसी को भी इस अधिकार से वंचित करना अपराध की श्रेणी में आता है.
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