Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. हर दिन नए-नए ड्रामे देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ जहां एनडीए में सीट शेयरिंग के बावजूद भी नीतीश कुमार खासे नाराज चल रहे हैं, तो दूसरी तरफ, महागठबंधन में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. लेकिन देर रात बहुत ही बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिला. राजद और कांग्रेस के नेताओं के बीच जबरदस्त शेरों-शायरी देखने को मिली. जिससे अटकलें लगाई जा रही है कि राजद और कांग्रेस का गठबंधन टूट सकता है. हालांकि, अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
नीतीश के घर के बाहर धरने पर बैठे गोपाल मंडल (Gopal Mandal sits on protest outside Nitish’s house)
बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के बाद विधायकों की नाराजगी की भी खबरें सामने आ रही है. सीएम नीतीश कुमार के खास विधायक गोपाल मंडल आज सुबह-सुबह मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए. गौरतलब है कि गोपाल मंडल भागलपुर जिले के गोपालपुर से विधायक हैं बड़बोले बयानों के लिए मशहूर गोपाल मंडल आज सुबह सीएम आवास पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि वो सीएम नीतीश से मिलने के लिए सुबह साढ़े 8 बजे से ही यहां आए हुए हैं. उन्होंने कहा कि जबतक उनको टिकट नहीं मिलेगा वो यहां से नहीं जाने वाले हैं.
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गोपाल मंडल ने किया ये दावा (Gopal Mandal made this claim)
सीएम आवास के गेट पर खड़े गोपाल मंडल ने दावा किया कि वे कद्दावर नेता हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग समझेंगे. विधायक ने दावा कि उन्हें एकदम टिकट मिलेगा. आगे उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि बिना टिकट लिए हुए यहां से मैं एक इंच भी नहीं हिलूंगा. गोपाल ने कहा कि वहां तक (सीएम आवास के अंदर) न्यूज पहुंचेगा तब वो बुलाएंगे उन्होंने दावा किया वो सीएम से मिलकर जाएंगे और सिंबल भी उन्हें मिलेगा.
गोपाल मंडल कौन हैं? (Who is Gopal Mandal?)
गोपाल मंडल की बात करें तो उन्होंने साल 2005 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. भागलपुर की गंगोता जाति बहुल सीट गोपालपुर से उन्होंने तब पहली बार चुनाव लड़ा था और आरजेडी के अमित राणा को 15 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2010 के चुनाव में उनकी सीट बरकरार रही और राणा को ही 25 हजार वोटों से हराकर मंडल दूसरी बार विधानसभा पहुंच गए.
लगातार चौथी बार विधायक बने गोपाल मंडल (Gopal Mandal became MLA for the fourth consecutive time)
साल 2015 के चुनाव में भाजपा और जेडीयू का रास्ता अलग-अलग हो गया. जेडीयू ने राजद के साथ मिलकर इस सीट पर चुनाव लड़ा था. दोनों के ‘महागठबंधन’ की ओर से गोपाल मंडल को ही उम्मीदवार बनाया गया. सामने थे भाजपा के अनिल कुमार यादव. नतीजे इस बार भी नहीं बदले. मंडल ने अनिल यादव को 5 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर जीत की हैट्रिक लगाई. 2020 के चुनाव में भी वह इस सीट से विजयी रहे और चौथी बार विधायक बने.
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