EPFO New Rule: भारत सरकार एक नया नियम लाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत लोग अपने भविष्य निधि (PF) से हर 10 साल में एक बार पैसा निकाल सकेंगे। इस प्रस्ताव का मकसद कर्मचारियों को घर लेने, मेडिकल इमरजेंसी या एजुकेशन जैसे जरुरी कामों के लिए अपनी बचत का उपयोग करने की सुविधा प्रदान है। फिलहाल, PF से पैसा निकालने के लिए कुछ शर्तें हैं, हालाँकि इस बदलाव से लोगों को अपने PF के पैसे का इस्तेमाल आसानी से करने में मदद मिलेगी। यानी, अगर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल जाती है, तो वेतनभोगी कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते से पैसा निकालने के लिए नौकरी छूटने या सेवानिवृत्ति का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।
10 साल में एक बार निकाल सकेंगे पैसा
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार रिटायरमेंट फंड से पैसा निकालने के सख्त नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है। इससे सब्सक्राइबर्स को हर 10 साल में एक बार अपनी पूरी राशि या उसका कुछ हिस्सा निकालने की सुविधा मिल सकती है। इसका मतलब है कि PF के पैसे के लिए रिटायरमेंट तक इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है और न ही किसी आपात स्थिति में। वर्तमान में, अंशधारक पीएफ का पैसा केवल तभी निकाल सकते हैं जब वे सेवानिवृत्त हों या दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहें।
कितनी राशि निकाली जा सकती है?
इस बारे में कोई स्पष्ट और आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है कि कोई अंशधारक अपने पीएफ खाते में जमा राशि में से कितना पैसा निकाल सकता है। देश में ईपीएफओ के 7.4 करोड़ से अधिक सदस्य हैं और इसका कोष करीब 25 लाख करोड़ रुपये का है।
इसके संभावित नुकसान क्या हैं?
- पीएफ से बार-बार निकासी करने से सेवानिवृत्ति के लिए जमा की जाने वाली राशि कम हो जाएगी, जिससे भविष्य में वित्तीय सुरक्षा कमज़ोर हो सकती है।
- पीएफ लंबी अवधि की बचत के लिए बनाया गया है। समय-समय पर निकासी करने से चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ कम हो सकता है, जिससे सेवानिवृत्ति निधि की वृद्धि धीमी हो जाएगी।
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