Credit Card, Debt Relief: आजकल सभी के पास क्रेडिट कार्ड होता है. यह एक ऐसी सुविधा है जो आपको “अभी खरीदो, बाद में चुकाओ” का ऑप्शन देती है. लेकिन अगर आप इसका सही तरीके से इसका उपयोग नहीं करते या समय पर भुगतान नहीं करते तो यह सुविधा धीरे-धीरे करके आपको कर्ज के जाल में फसा सकती है.
बैंक ज्यादातर 45 – 50 दिन का ग्रेस टाइम देते हैं जिसमें अगर आपने अपना पूरा भगतान कर दिया है तो किसी भी ब्याज का भुगतान नहीं करना होता. लेकिन अगर पैमेंट नहीं भर पाए तो सिर्फ ब्याज 36-42% तक नहीं पहुंचता बल्कि CIBIL स्कोर पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. अगर आपकी भी ऐसी सिचुएशन में हैं तो चिंता मत कीजिए.यहां बताए गए 4 कर्ज मुक्ति के तरीके आपकी कर्जमुक्ति स्थिति को फिर से सही कर सकते हैं.
EMI में क्रेडिट कार्ड बिल को बदलवाएं
यदि आप भी रा बिल एक साथ नहीं चुका रहे हैं तो ऐसे में बिल को EMI में चेंज करना एक अच्छा डिसिशन हो सकता है. इसमें आप अपने बैंक से एक निश्चित ब्याज दर पर किश्तें भर सकते हैं.
1. इसके क्या बेनिफिट्स हैं
खर्चों का बोझ घट जाता है
सिबिल स्कोर पर प्रभाव नहीं पड़ता
लोन का धीरे-धीरे भुगतान कर सकते हैं
2. आसानी से होम लोन पर टॉप-अप लें
अगर आपके पास पहले से ही होम लोन है, तो आप टॉप-अप लोन ले सकते हैं. यह एक बैंक सुविधा है जो मौजूदा लोन में अतिरिक्त धनराशि प्रदान करती है
इसके क्या बेनिफिट्स हैं
इंट्रेस्ट रेट कम होता है 8 से 10 के बिच में.
दूसरा लोन लेने में परेशानी नहीं होती है.
EMI में बदलाव करके क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम चूका सकते हैं.
3. FD, PPF या LIC के आधार पर लोन लें
अगर आपने FD, PPF या LIC पॉलिसियों में इन्वेस्ट किया है तो ये अब आपके काम आ सकते हैं. इन योजनाओं पर कम इंटरेस्ट रेट 7-9% पर लोन लिया जा सकता है.
इसके क्या बेनिफिट्स हैं
किसी भी नए डॉक्यूमेंट की जरुरत नहीं होती है.
इंट्रेस्ट रेट कम होता है.
सेफ इन्वेस्टमेंट होती है.
4. क्रेडिट कार्ड बैलेंस बदलें आसानी से अतिरिक्त समय पाएं
अगर आपके पास दो या उससे ज़्यादा कार्ड हैं तो बैलेंस ट्रांसफर एक बेहतरीन विकल्प है. इससे आपको एक नई ग्रेस पीरियड (30-45 दिन) और ब्याज में कुछ राहत मिल सकती है.
जानें कैसे करें
बैंक के ग्राहक सेवा या मोबाइल ऐप के माध्यम से बैलेंस ट्रांसफर का अनुरोध करें.
पुराने कार्ड का भुगतान नए कार्ड से किया जाएगा और आपके नए कार्ड का भुगतान किश्तों में किया जाएगा.
इसके क्या बेनिफिट्स हैं
भुगतान के लिए अधिक समय.
इंट्रेस्ट रेट में आराम.
डिफॉल्ट से बचाव.

