Vastu Dosha: क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि वास्तु दोष क्या होता है? क्या इसके पीछे कोई रोचक कहानी है. तो हां वास्तु दोष की कहानी भगवान शिव और एक राक्षस से जुड़ी हुई है. मत्स्य पुराण के अनुसार शिव जी का युद्ध एक भयावह राक्षस अनदक से चल रहा था. जब शिव जी ने उसका वध किया तो उनके पसीने से एक और जीव उत्पन्न हुआ. वो जीव भयानक था, विशाल था और उसका कोई आकार भी नहीं था. अभी तक उसका कोई नाम भी नहीं था. धरती पर जितने भी अवशेष थे, रक्त थे वो उन सबको अपना आहार बनाता था.
वास्तु दोष से जुड़ी पौराणिक कथा
भगवान शिव इस भयावह जीव से प्रसन्न हुए और उन्होंने कहा कि वरदान मांगो. उसने शिव जी से वरदान मांगा कि मैं सबकुछ खा जाना चाहता हूं. शिव जी ने उससे कहा तथास्तु. फिर उस जीव ने समस्त लोकों को निगलना शुरू कर दिया और फिर वो भू-लोक धरती की तरफ बढ़ा और पृथ्वी पर आने के बाद वो सब कुछ निगल रहा था. उसके 45 तरफ बैठकर सभी देवताओं ने उसे नियंत्रित करने का प्रयास किया. फिर उस जीव ने कहा कि जब इस तरह नियंत्रित ही करना है तो मुझे ये वरदान क्यों दिया?
इसी बात पर देवताओं ने कहा कि अब से भूमि के हर खंड में तुम वास करोगे और तुम्हें वास्तु पुरुष के नाम से जाना जाएगा. लेकिन तुम्हारी शक्ति को नियंत्रित करने के लिए सभी देवता इस प्रकार इसी 45 स्थान पर वास करेंगे.
गिफ्ट में जूते देना शुभ है या अशुभ? जानें धार्मिक मान्यताओं में क्या कहा गया है?
वास्तु दोष लगने पर क्या होता है?
यही वजह है कि किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए सबसे पहले वास्तु पूजा की जाती है. अगर किसी के घर में वास्तु के हिसाब से चीजें नहीं हैं तो वहां वास्तु दोष लग जाता है. फिर यही जीव जिसे बाद में वास्तु पुरुष का नाम दिया गया वो उस जगह को अपना आहार बना लेता है.
Nazar Dosh के कारण टूट सकते हैं रिश्तें! क्या स्मृति और पलाश की शादी इस वजह से टूटी
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

