Lyari Reel to Real Transformation: लिय्यारी” (Lyari) दरअसल, कराची का वह इलाका है जिसे कभी अपनी फुटबॉल प्रतिभा और मुक्केबाजी के लिए जाना जाता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह गैंगवार और हिंसा की खबरों में ज्यादा देखने को मिल रहा है. तो वहीं हाल ही में, “धुरंधर कांड” और उसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियोज़ ने इस क्षेत्र को एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया है.
कैसे सुर्खियों में आया लिय्यारी?
लिय्यारी का सुर्खिोयों में आना अपने आप में ही एक कमाल की बात है. यह दर्शाता है कि कैसे डिजिटल मीडिया किसी क्षेत्र की छवि को पूरी तरह से बदल सकता है. इसके साथ ही धुरंधर कांड जैसी घटनाओं ने पुराने ज़ख्मों को कुरेदने की कोशिश की है. इसके साथ ही वायरल वीडियोज़ ने एक अनोखा नया लिय्यारी पेश करने का काम किया है. तो वहीं, दूसरी तरफ आज का लिय्यारी हिंसा वाला नहीं बल्कि अपनी कला, संगीत, खेल और सोशल मीडिया पर रील्स बनाने की कोशिश में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. इसके अलावा यह “रील से रियल” तक का सफर वहां के युवाओं की अपनी कहानी खुद लिखने के लिए प्रेरित भी कर रहा है.
यहां देखें वायरल वीडियो
रील की ताकत और डिजिटल पहचान
लिय्यारी के युवाओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम पर रील्स और टिकटॉक का बेहतरीन इस्तेमाल कर अपनी प्रतिभा दिखाने की शुरुआत की थी. डब लिय्यारी से जुड़े किसी भी बड़े मुद्दा या फिर “धुरंधर” जैसे चर्चित मामलों के बाद कोई वीडियो वायरल होता है, तो वह केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रहता है. जानकारी के मुताबकि, वायरल वीडियोज़ में वहां के युवाओं का रैप, संगीत, ब्रेकडांसिंग और फुटबॉल कौशल दुनिया के सामने हर किसी ने देखा है.
धुरंधर फिल्म का कितना पड़ा गहरा असर
धुरंधर जैसी फिल्म ने एक बेहद ही गहरी छाप छोड़ दी है. जहां एक कानून-व्यवस्था और गैंग कल्चर की याद दिलाई गई है. इतना ही नहीं, वायरल हुए वीडियो ने यह भी दिखाया कि लिय्यारी के आम नागरिक इस अंधकार से पूरी तरह से बाहर निकलने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
सुर्खियों में वापसी की क्या है असली वजह
‘लिय्यारी अंडरग्राउंड’ जैसे संगीत समूहों और स्थानीय एथलीटों के वीडियो ने वैश्विक स्तर पर हर किसी का ध्यान अपनी तरफ तेजी से खींचा है. इसके अलावा वायरल वीडियो ने अपराधियों के बजाय वहां के कलाकारों और खिलाड़ियों को नायक के रूप में पेश करने का भी महत्वपूर्ण काम किया है. हालाँकि, रील के ज़रिए वहां के युवाओं ने लिय्यारी के प्रति बने नकारात्मक पूर्वाग्रहों (Stereotypes) को तोड़ने की एक अच्छी कोशिश भी की है.

