Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश में हिंसा का दौर जारी है. चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद से राजनीतिक हिंसा और हत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अब नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता से जुड़ा है, जिन्हें कुछ बदमाशों ने खुलना में दिन दहाड़े गोली मार दी.
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनसीपी के खुलना डिवीजन के चीफ और श्रमिक शक्ति के केंद्रीय आयोजक मोटालेब सिकदर को सोमवार सुबह करीब 11:45 बजे शहर के सोनाडांगा इलाके में सरेआम गोली मारी गई. सिकदर को गंभीर हालत में खुलना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाया गया.
सोनाडांगा मॉडल पुलिस स्टेशन के ऑफिसर-इन-चार्ज (ओसी) (इन्वेस्टिगेशन) अनिमेष मंडल ने कहा कि सिकदर को बदमाशों ने गोली मारी थी और स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाकर हॉस्पिटल पहुंचाया. जानकारी मिलने के बाद में पुलिस मौके पर पहुंची.
खतरे से बाहर है मोटालेब
ओसी ने कहा कि मोटालेब खतरे से बाहर है. गोली उसके कान के एक तरफ से गई और त्वचा को छेदते हुए दूसरी तरफ से निकल गई. ओसी ने आगे कहा कि जांच के बाद और मामले से जुड़ी अधिक जानकारी साझा की जाएगी.
बता दें, यह हमला इकबाल मंच के प्रवक्ता और ढाका-8 के निर्दलीय उम्मीदवार उस्मान हादी को गोली लगने के 10 दिन बाद हुआ है. हादी को बाइक सवार बदमाशों ने 12 दिसंबर 2025 को सिर पर गोली मारी थी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सिंगापुर में इलाज के दौरान हो गई थी हादी की मौत
हादी को शुरुआत में एवरकेयर अस्पताल में रेफर किया गया और फिर गंभीर हालत में उन्हें बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया. सिंगापुर में इलाज के दौरान अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई थी.
हादी की हत्या के बाद से बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है. कट्टरपंथी उपद्रवियों ने बांग्लादेश में अलग-अलग जगहों पर हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है. हादी के हत्यारों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. अपराधियों की गिरफ्तारी ना होने की वजह से हादी के समर्थकों में और गुस्सा है.
पिछले साल शेख हसीना को देना पड़ा था पीएम पद से इस्तीफा
बता दें कि एक साल से ज्यादा समय से बांग्लादेश मे राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. इसकी वजह से पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनका इस्तीफा लगातार चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद हुआ था, जो सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन के रूप में शुरू हुए थे, लेकिन बाद में उनके इस्तीफे की मांग करने वाले आंदोलन में तब्दील हो गए.

