Asaram on medical bail: नाबालिग से रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को आखिर कौन नहीं जानता होगा.जब छह महीने की जमानत मिली, तो उनके समर्थकों में खुशी का माहौल देखने को मिला. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो बेहद ही तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लाखों की संख्या में महिलाओं, बच्चे और बुजुर्ग आसाराम की मूर्ति के आगे आरती करते, दीप जलाते और पटाखे छोड़ते नजर आ रहे हैं. आखिर क्या है वायरल वीडियो की पूरी कहानी जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
क्या है वायरल वीडियो का पूरा सच ?
वायरल वीडियो के सामने आने के बाद लोगों में रोष देखने को मिल रहा है. कई लोगों ने वायरल वीडियो पर नाराजगी भी जताई है. एक यूजर्स ने झूमते-नाचते समर्थकों को अंधविश्वास पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. एक यूजर ने लिखा, “जिस देश में रेप के दोषियों के रिहा होने पर ऐसे जश्न मनाए जाएं, वह देश कभी भी विकसित नहीं हो सकता है.”
तो वहीं, दूसरे यूजन ने तक लिखा कि “आसाराम आरोपी नहीं, बल्कि रेप का दोषी है. कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है, फिर भी लोग उसे भगवान मानते हैं और उसकी पूजा कर रहे हैं. आखिर किस तरह के समाज में रहते हैं हम ?”
मेडिकल आधार पर मिली थी जमानत
आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी खराब सेहत की वजह से छह महीने की अंतरिम जमानत दी थी. ऐसा बताया जाता है कि जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उनके वकीलों ने मेडिकल आधार पर जमानत की अर्जी लगाई थी. लेकिन, सुनवाई होने के बाद कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संगीता शर्मा की बेंच ने राहत दी थी.
दो मामलों में साबित हो चुका है दोष
आसाराम पर दो अलग-अलग राज्यों में यौन शोषण के केस दर्ज किए जा चुके हैं. पहला राजस्थान के जोधपुर में एक नाबालिग लड़की से रेप का मामला और दूसरा गुजरात के अहमदाबाद में महिला शिष्या से दुष्कर्म के खिलाफ केस दर्ज कराया जा चुका है. वहीं, दोनों मामलों में अदालतों ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन इसके बावजूद भी वह कई बार मेडिकल कारणों से जमानत लेता रहा है.
कौन-कौन सी बीमारियों से ग्रस्त है आसाराम ?
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, आसाराम को कोरोनरी हार्ट डिजीज है और दिल की दो धमनियों में लगभग 90 प्रतिशत ब्लॉकेज है. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग और प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं भी हैं.
फिलहाल, वीडियो वायरल होने के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब एक दोषी व्यक्ति को लेकर ऐसा अंधभक्ति वाला माहौल बनता है, तो यह समाज में न्याय और नैतिकता की जड़ों को पूरी तरह से कमजोर कर देता है.

