Sawan 2025: सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो चुका है। यह महीना भगवान शिव और माता पार्वती के समर्पित होता है। सावन के महीने में ग्निहोत्र यज्ञ करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, यह यज्ञ करने से वातावरण शुद्ध होने के साथ घर में पवित्रता भी बनी रहती है।
अग्निहोत्र यज्ञ से पाएं सुख-समृद्धि
अग्निहोत्र यज्ञ करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इस यज्ञ से घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है। इसके साथ ही यज्ञ को करने से ग्रहों दोषों से भी छुटकारा पाया जाता है। साथ ही मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, अग्निहोत्र यज्ञ पहले के समय में सावन के दौरान हर घर में किया जाता था। 5 मिनट की अवधि में होने वाला ये यज्ञ घर पर सकारात्मक माहौल लेकर आने वाला है। सावन मास में इसे कराना बेहद शुभ माना जाता है।
जानें यज्ञ की विधि और लाभ
अग्निहोत्र यज्ञ करने के लिए तांबे का हवन कुंड होना चाहिए। हवन करने के लिए चावल, घी और गोबर के उपले ले आए। इसके बाद पूरी विधि के साथ यज्ञ करना चाहिए।इस दौरान गायत्री मंत्र का जाप करना शुभ होता है। यज्ञ पूर्ण होने के बाद कुछ देर ध्यान मुद्रा में बैठे रहे। मानव शरीर में तीन अग्नि होते हैं, जिसमें पहला जात्र अग्नि यह पाचन क्रिया में काम करती है। भूच अग्नि हमारे तत्व का संतुलन शरीर नें बनाए रखती है। वहीं मानव शरीर में तीन अग्नि होते हैं, जिसमें पहला जात्र अग्नि पाचन क्रिया में काम करती है। दूसरा भूत अग्नि हमारे तत्व को संतुलन रखता है। तीसरी ज्ञान अग्नि हमारे विवेक को जागृत करती है।

