Pradosh Vrat 2025 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का एक खास महत्व रहता है। यह व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। हर बार अलग-अलग दिन व्रत होने के कारण इसके नाम में भी अंतर होता है। मंगलवार को पड़ने का कारण इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। आज मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को भौम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। इस बार भौम प्रदोष व्रत पर कई रवि योग का संयोग भी बना हुआ है।
नियमों का रखें खास ख्याल
भौम प्रदोष व्रत में नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यह व्रत भगवान शिव और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से कर्ज, रोग, और मंगल दोष से मुक्ति मिल जाती है। यह व्रत मनवविवाहित दुल्हनों के लिए सुखी वैवाहिक जीवन और मंगल दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन कुछ गलतियां पूरे व्रत के फल को नष्ट कर सकती हैं। इस दिन शादी-शुदा औरतों को काले या चटक रंग के वस्त्र पहने से बचना चाहिए। इससे व्रत की पवित्रता को प्रभावित करते हैं।
भौम प्रदोष व्रत में प्याज, लहसुन, मांस, शराब, या अन्य तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। यह व्रत की पवित्रता को भंग कर देता है। शिवलिंग पर टूटे चावल, केतकी के फूल, या हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। इससे पूजा का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। व्रत के दिन क्रोध, झूठ, या अपशब्द बोलने से बचें। ऐसा करने से जीवन में तनाव बढ़ जाता है। व्रत में नमक, लाल मिर्च, या अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
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जानें व्रत की पूजा विधि
प्रदोष व्रत की पूजा घर पर ही बने मंदिर में कर सकते हैं। पूजा के लिए सबसे पहले स्नान कर शारीरिक रूप से शुद्ध हो जाएं और साफ कपड़े पहन लें। फिर शिवलिंग पर जल का अभिषेक करें। उसके बाद पंचामृत का भी अभीषेक किया जा सकता है। भगवान को दूध, गंगाजल, बेलपत्र, सफेद चंदन, अक्षत और फूल अर्पित कें। इसके बाद भौम प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें। पूजा के दौरान घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव जी का आरती करें।
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