इन क्षेत्रों पर पकड़ बनी तो बढ़ेगी कमाई, मैन्युफैक्चरिंग में आगे निकलेगा भारत
ज़ोहो के CEO श्रीधर वेम्बू ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में भारत की तरक्की के लिए कैपिटल गुड्स, हाई-प्रिसिशन मशीनरी और एडवांस्ड इंडस्ट्रियल प्रोसेस में महारत हासिल करना बहुत ज़रूरी है.
श्रीधर वेम्बु
श्रीधर वेम्बु कहते हैं कि भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनने के लिए, उसे कैपिटल गुड्स, हाई-प्रिसिशन मशीनरी और एडवांस्ड इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में महारत हासिल करनी होगी.
टॉप 5 मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी
भारत दुनिया की टॉप पांच मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी में शामिल हो गया है, लेकिन वेम्बू इस बात पर ज़ोर देते हैं कि सिर्फ़ रैंकिंग में ऊपर आना ही काफ़ी नहीं है, इसके लिए टेक्नोलॉजिकल एक्सीलेंस भी ज़रूरी है.
अग्रणी देशों से सीखें
उन्होंने बताया कि जापान और जर्मनी जैसे देश ज़्यादा लेबर कॉस्ट के बावजूद मैन्युफैक्चरिंग में इसलिए आगे हैं क्योंकि वे प्रिसिशन इंजीनियरिंग और हाई-वैल्यू प्रोसेस में स्पेशलाइज़ करते हैं.
सस्ते लेबर से ज़्यादा वैल्यू एडिशन
वेम्बू ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सच्ची मैन्युफैक्चरिंग सफलता टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञता के ज़रिए वैल्यू एडिशन से मिलती है, न कि सिर्फ सस्ते लेबर से.
एडवांस्ड मटीरियल्स और प्रोसेस
उन्होंने एडवांस्ड मटीरियल्स, सेंसर, स्पेशलिटी अलॉय और जटिल इंडस्ट्रियल प्रोसेस जैसे सेक्टर्स को मुख्य क्षेत्रों के रूप में बताया जहाँ बेहतरीन काम की ज़रूरत है.
इनकम लेवल बढ़ाना
इन हाई-टेक और हाई-प्रिसिशन फील्ड्स में महारत हासिल करने से भारतीय मज़दूरों की इनकम बढ़ाने और इकॉनमी को मज़बूत करने में मदद मिलेगी.
इन हाई-टेक और हाई-प्रिसिशन फील्ड्स में महारत हासिल करने से भारतीय मज़दूरों की इनकम बढ़ाने और इकॉनमी को मज़बूत करने में मदद मिलेगी.
वेम्बू भारत की क्षमताओं को लेकर आशावादी हैं, उनका कहना है कि देश के पास मैन्युफैक्चरिंग में बेहतरीन प्रदर्शन करने और ग्लोबल लेवल पर मुकाबला करने के लिए संसाधन और टैलेंट है.