Putin India Visit: जाते-जाते पुतिन दे गए खजाने से भरा संदूक! जानिए रूसी राष्ट्रपति के दौरे से भारत को क्या-क्या मिला?
India–Russia Summit 2025: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को अलविदा कह दिया है. उन्होंने अपना दो दिन का दौरा पूरा किया और शुक्रवार (5 दिसंबर, 2025) को मॉस्को के लिए रवाना हो गए. वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर पुतिन को औपचारिक विदाई देने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे. लेकिन जाते जाते पुतिन ने भारत को इतना कुछ दे दिया जिसकी आपने अपेक्षा भी नहीं की होगी. इस दौरे को भारत के लिए कई मायनों में अहम माना जा रहा है.
पुतिन के आने से भारत को बड़ा फायदा
विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड और कॉमर्स, कोऑपरेशन और माइग्रेशन, हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन, फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड्स, पोलर शिप्स और मैरीटाइम कोऑपरेशन और फर्टिलाइजर पर कई बड़े समझौते हुए हैं.
भारत को पुतिन का वादा
रूस ने घोषणा की है कि वो भारत को कच्चा तेल, नेचुरल गैस, रिफाइंड पेट्रोकेमिकल्स और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी की सप्लाई जारी रखेगा. इससे साफ पता चलता है कि पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद एनर्जी सेक्टर में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने की संभावना है.
भारत में लगेगा न्यूक्लियर रिएक्टर प्लांट
भारत के नज़रिए से दूसरी बड़ी घोषणा सिविल न्यूक्लियर सेक्टर में बढ़ाए गए सहयोग से जुड़ी थी. अभी भारत की ज़्यादातर बिजली कोयले से बनती है. न्यूक्लियर रिएक्टर प्लांट लगाने से भारत 2047 तक न्यूक्लियर पावर से 100 गीगावाट बिजली बनाने का अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है.
भारत को सबसे बड़ा तोहफा
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "हम अपने भारतीय पार्टनर्स के साथ मिलकर नए इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स रास्ते बनाने पर काम कर रहे हैं, जिसमें रूस और बेलारूस से हिंद महासागर तक इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर शामिल है."
AI को लेकर क्या बोले पुतिन
पुतिन ने कहा, "पिछले कुछ सालों में, आपने हमारे रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए बहुत कुछ किया है. हम सहयोग के लिए और भी कई क्षेत्रों को खोल रहे हैं, जिसमें हाई-टेक एयरक्राफ्ट, अंतरिक्ष खोज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शामिल हैं."
द्विपक्षीय व्यापार का विकास
इतना ही नहीं बल्कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर (9 लाख करोड़ रुपये) तक ले जाने का ऐलान किया है. वर्तमान में दोनों देशों के बीच 5 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का सालाना व्यापार होता है.