Teacher’s Day Special 2025: बॉलीवुड की ऐसी 6 फिल्में जो बदल सकती हैं किसी की भी जिंदगी, देखिये तस्वीरें
Teacher’s Day 2025: शिक्षक दिवस 9 (Teacher’s Day) हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है और यह दिन हमें अपने जीवन के असली मार्गदर्शकों, यानी शिक्षकों को याद करने और सम्मान देने का मौका देता है। बॉलीवुड ने कई ऐसी फिल्में दी हैं जो शिक्षक और शिष्य के रिश्ते, अनुशासन, हिम्मत और बदलाव की खूबसूरत कहानियाँ दिखाती हैं। ये फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं करतीं, बल्कि हमें जीवनभर याद रहने वाली सीख भी देती हैं।
सुपर 30 (2019)
ये फिल्म असली शिक्षक आनंद कुमार की कहानी पर आधारित है, जो बिहार में गरीब बच्चों को आईआईटी जैसी बड़ी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। फिल्म में ऋतिक रोशन(Hrithik Roshan) ने उनका किरदार निभाया है। कहानी दिखाती है कि किस तरह आनंद अपनी मुश्किलों के बावजूद बच्चों को मुफ्त पढ़ाई करवाते हैं और उनका भविष्य बदलने का सपना पूरा करते हैं। यह फिल्म सिखाती है कि सच्चा शिक्षक मेहनत, त्याग और सही मार्गदर्शन से समाज में बदलाव ला सकता है।
ब्लैक (2005)
फिल्म ब्लैक (2005) एक बहादुर लड़की मिशेल की कहानी है, जो सुन और बोल नहीं सकती। उसका जीवन तब बदलता है जब एक खास शिक्षक (अमिताभ बच्चन) उसकी जिंदगी में आते हैं। वे धैर्य और प्यार से उसे पढ़ना, समझना और दुनिया को अपनाना सिखाते हैं। संजय लीला भंसाली(Sanjay Leela Bhansali) की यह फिल्म दिखाती है कि शिक्षा और अच्छे शिक्षक हर अंधकार में रोशनी ला सकते हैं।
चॉक एन डस्टर (2016)
फिल्म चॉक एन डस्टर दो शिक्षिकाओं, ज्योति (Juhi Chawla) और विद्या (Shabana Azmii), की कहानी है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन समाज और स्कूल सिस्टम अक्सर उनकी मेहनत को नजरअंदाज कर देता है। फिल्म शिक्षा, शिक्षकों के सम्मान और उनके संघर्षों पर गहरा संदेश देती है।
तारे जमीन पर (2007)
फिल्म तारे जमीन पर एक छोटे बच्चे ईशान की कहानी है, जिसे पढ़ाई में मुश्किल (डिस्लेक्सिया) होती है। स्कूल और घर में कोई उसकी परेशानी नहीं समझ पाता, लेकिन एक दिन उसका नया आर्ट टीचर (आमिर खान) उसकी असली काबिलियत हचानता है। प्यार, धैर्य और सही मार्गदर्शन से वह ईशान की जिंदगी बदल देता है। यह फिल्म बताती है कि हर बच्चा खास होता है।
हिचकी (2018)
फिल्म हिचकी (2018) एक शिक्षिका नैना माथुर (रानी मुखर्जी) की कहानी है, जिन्हें टॉरेट सिंड्रोम नाम की बीमारी होती है। इस वजह से उन्हें बार-बार हिचकी जैसी आवाज आती है, लेकिन वे इसे कमजोरी नहीं बनने देतीं। वे गरीब बच्चों की एक कक्षा को पढ़ाती हैं और अपने आत्मविश्वास और मेहनत से उन्हें प्रेरित करती हैं। यह फिल्म सिखाती है कि सच्चा शिक्षक हर मुश्किल को ताकत में बदल सकता है।
3 इडियट्स (2009)
फिल्म 3 इडियट्स तीन दोस्तों, रैंचो, फरहान और राजू की कॉलेज लाइफ की कहानी है। यह फिल्म भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है और सिखाती है कि पढ़ाई सिर्फ नौकरी या अंक पाने के लिए नहीं, बल्कि असली ज्ञान और काबिलियत हासिल करने के लिए करनी चाहिए। कॉमेडी और भावनाओं से भरी यह फिल्म प्रेरणा देती है कि अपने दिल की सुनो।
Disclaimer
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