सूर्या ग्रहण 2025: कब लगेगा सूर्या ग्रहण ? NASA ने बताई सच्चाई , जानये तारीख और अन्य मुख्य बातें।
सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा, जो कि एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. यह ग्रहण रात 10:59 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 3:24 बजे तक रहेगा. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचने से रुक जाता है.सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, और इसे देखना एक अद्भुत अनुभव हो सकता है. हालांकि, अपनी आंखों को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है, इसलिए हमेशा सुरक्षित सोलर फिल्टर का उपयोग करें. सूर्य ग्रहण के बारे में अधिक जानकारी:
सूर्य ग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचने से पूरी तरह से रुक जाता है.
सूर्य ग्रहण क्यों होता है?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं.
सूर्य ग्रहण के प्रकार
इसके 3 प्रकार होते है। पूर्ण सूर्या ग्रहण जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है , आंशिक सूर्या ग्रहण जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है और वलयाकार सूर्या ग्रहण जब चंद्रमा सूर्य को बीच में ढक लेता है, जिससे सूर्य का किनारा एक चमकदार रिंग की तरह दिखाई देता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सुरक्षित सोलर फिल्टर का उपयोग करें और सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान का नाम जपें और दान-पुण्य करें.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें
नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण को न देखें और सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ कार्य न करें.
भारत में सूर्य ग्रहण
21 सितंबर का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, क्योंकि यह रात के समय लगेगा.
सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, और इसे देखना एक अद्भुत अनुभव हो सकता है. हालांकि, अपनी आंखों को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है, इसलिए हमेशा सुरक्षित सोलर फिल्टर का उपयोग करें.
Disclaimer
यह जानकारी "सूर्य ग्रहण कब है" विषय पर केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। ग्रहण की तिथियां, समय और दृश्यता में परिवर्तन संभव है, जो स्थान विशेष और खगोलशास्त्रीय गणनाओं पर निर्भर करता है। कृपया सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए आधिकारिक खगोलशास्त्रीय संस्थानों या पंचांग स्रोतों से परामर्श लें। धार्मिक या ज्योतिषीय मान्यताओं से जुड़ी बातों को व्यक्तिगत श्रद्धा के अनुसार लिया जाना चाहिए।