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Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्व पितृ अमावस्या लग रहा है सूर्य ग्रहण, जानें कैसे करें श्राद्ध

Pitra Paksh 2025: इस साल पितृ पक्ष की समाप्ति सूर्य ग्रहण के साथ हो रही है, 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है. इस दिन पितरों की श्राद्ध की जाती है. जो लोग अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि भूल जाते हैं वो भी इस दिन श्राद्ध कर सकते हैं. पर इस दिन सूर्य ग्रहण का साया भी मंडरा रहा है.


By: Shivi Bajpai | Published: September 20, 2025 9:31:09 AM IST

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सर्व पितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण

इस साल पितृ पक्ष की समाप्ति सूर्य ग्रहण के साथ हो रही है, 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है. इस दिन पितरों की श्राद्ध की जाती है. जो लोग अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि भूल जाते हैं वो भी इस दिन श्राद्ध कर सकते हैं. पर इस दिन सूर्य ग्रहण का साया भी मंडरा रहा है.

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सूर्य ग्रहण कब लग रहा है

सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार रात 10 बजकर 59 मिनट से देर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. पर अच्छी बात ये है कि भारत में ये सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, जिसकी वजह से सूतक मान्य नहीं होगा.

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सूतक काल कब लगेगा

इसका अर्थ है कि सर्व पितृ अमावस्या पर भारत में श्राद्ध करने वालों को सूर्य ग्रहण से किसी तरह का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होने वाला है. सूतक न होने की वजह से पूरे दिन अमावस्या से जुड़े सभी धर्म-कर्म कर सकते हैं.

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श्राद्ध करने का मुहूर्त

सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का सबसे सही समय सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 1 बजकर 27 मिनट तक का मुहूर्त है. इस दौरान आप श्राद्ध कार्यक्रम कर सकते हैं और ब्राह्मणों को भोजन भी करा सकते हैं.

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सर्वपितृ अमावस्या पर पिंडदान

दोपहर के समय के स्वामी पितर देव माने जाते है, इसलिए गाय के गोबर से बने कंडे या उपले जलाएं और पितरों का ध्यान करते हुए अंगारों पर गुड़-घी अर्पित करें. हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर से पितरों को तर्पण दें.

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सर्व पितृ अमावस्या पर दीपक जलाना

अमावस्या की शाम को पीपल की पूजा भी करें, इसके नीचे सरसों के तेल का दीपक लगाएं, और सरोवर में दीपदान करें, इससे पितरों को अपने लोक लौटन में आसानी होती है.