‘बादशाह के बिस्तर’ पर कौन? मुगल हरम का यह फैसला करता था सिर्फ एक शख्स, नहीं चलती थी किसी औरत की मर्जी!
Mughal Harem Dark Secrets: मुगल हरम की औरतों का बादशाह जैसे चाहें वैसे इस्तेमाल करते थे. वह कभी उन्हें अपने मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करते तो कभी उनके साथ अय्याशी करते थे.
मुगलों के हरम से जुड़े हैं कई राज
मुगल शासन की जब-जब बात होती है तो राजनीति, कूटनीति, भव्य महल और विलासिता का जिक्र छिड़ता है. लेकिन, एक पहलू है जो हमेशा अछूता रह जाता है और वह है मुगलों का हरम.
हरम में रहती थीं हजारों औरतें
जी हां, हरम एक ऐसी जगह होती थी जहां बादशाह की बीवियां, रखैलें, दासियां और हजारों की संख्या में औरतें रहती थीं.
अय्याशी के लिए आता था बादशाह
इतिहासकारों ने हरम को लेकर कई तरह की बातें लिखी हैं, जिसमें से कई ने हरम को ऐसी जगह बताया है जहां बादशाह और उसके शहजादे आराम फरमाने, मनोरंजन और अय्याशी करने जाते थे.
हर रात जमती थी महफिल
हर रात हरम में महफिल सजती थी, जहां नाच-गाना, शराब और शबाब का इंतजाम होता था. हरम की हर औरत को बादशाह की खातिरदारी के लिए मौजूद रहना होता था.
बादशाह के साथ कौन सोएगा होता था एक बड़ा फैसला!
बादशाह की खातिरदारी तो कई औरतें करती थीं, लेकिन उसके साथ बिस्तर पर कौन जाएगा यह एक मुश्किल फैसला होता था. क्योंकि, हर औरत की चाहत होती थी कि वह बादशाह की नजर में आए और उसके साथ बिस्तर पर जाए.
बादशाह की पसंदीदा औरत को मिलती थी इज्जत!
बादशाह के साथ बिस्तर पर जाने वाली और उसकी पसंदीदा औरत को हरम से लेकर दरबार में इज्जत के साथ-साथ खूब सारा धन और सोने-जेवरात मिलते थे. यही वजह थी कि हर औरत बादशाह के साथ समय बिताना चाहती थी. ऐसे में कौन बादशाह के साथ बिस्तर पर जाएगा यह हरम का एक बड़ा फैसला होता था.
बादशाह का होता था फैसला
बादशाह के साथ कौन हमबिस्तर होगा इसका फैसला और कोई नहीं, सिर्फ बादशाह ही करता था. इस फैसले में किसी औरत की मर्जी नहीं चलती थी.
बादशाह का हुकूम नहीं मानने पर मिलती थी सजा
बादशाह के फैसले को न मानने वाली औरत को सख्त से सख्त सजा दी जाती थी. कई बार तहखानों में डाल दिया जाता था तो कई बार सीधा फांसी की सजा सुना दी जाती थी.