ये 150 साल पुराना “नानी का पुल” बना दिल्ली की आन, बान और शान
दिल्ली का लोहे का पुल, जिसे पुराना यमुना पुल भी कहा जाता है, करीब 150 साल पहले अंग्रेजों के समय में बनाया गया था। यह पुल 1866 में पूरा हुआ और शुरू में रेल कनेक्शन के लिए इस्तेमाल होता था। इसने भाप इंजन से लेकर इलेक्ट्रिक ट्रेन तक का सफर देखा है। इसे लोग प्यार से “नानी पुल” भी कहते हैं क्योंकि पुराने समय में लोग इसी रास्ते से नानी-दादी के घर जाया करते थे। आज भी यह पुल ट्रेन और गाड़ियों के लिए इस्तेमाल होता है और इसके पास नया पुल बनने की योजना लंबे समय से अधूरी है।
दिल्ली का ऐतिहासिक पुल
दिल्ली एक ऐतिहासिक शहर है जहाँ कई पुराने किले, सड़कें और पुल मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है दिल्ली का मशहूर लोहे का पुल, जिसे आज भी ट्रेन और वाहन इस्तेमाल करते हैं। यह पुल 150 साल पहले अंग्रेजों के समय में बनाया गया था और अब भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
असली नाम है यमुना पुल
इस पुल का निर्माण साल 1863 में शुरू हुआ और 1866 में पूरा हुआ। आमतौर पर लोग इसे “लोहे का पुल” कहते हैं, लेकिन इसका असली “यमुना ब्रिज” या “पुराना यमुना पुल” है। रेलवे की भाषा में इसे ‘ब्रिज नंबर 249’ के नाम से भी जाना जाता है।
निर्माण और इतिहास
शुरुआत में यह पुल 16 लाख 16 हजार 335 पाउंड की लागत से एकल लाइन के रूप में बना। बाद में 1913 में इसे दोहरी लाइन में बदला गया। 1930 में पुल के नीचे सड़क मार्ग को भी चौड़ा किया गया ताकि सड़क यातायात आसानी से चल सके। यह तकनीकी रूप से काफी मजबूत पुल है।
रेल मार्ग में योगदान
पुराना यमुना पुल अंग्रेजों ने दिल्ली और हावड़ा रेल मार्ग को जोड़ने के लिए बनाया था। उस समय यमुना नदी को पार करने के लिए एक मज़बूत पुल की आवश्यकता थी। इस पुल ने रेलवे कनेक्शन को आसान बनाया और दिल्ली-गाजियाबाद रेलखंड पर इसकी अहम भूमिका आज भी बनी हुई है।
बदलते दौर का गवाह
यह पुल 150 साल में रेलवे के कई दौर का गवाह बना है। इसने भाप इंजन, डीज़ल इंजन और अब इलेक्ट्रिक ट्रेन का सफर देखा है। लोगों के दिलों में यह पुल खास जगह रखता है। आज भी कई यात्री पुल से गुजरते समय यमुना में सिक्का फेंककर गुडलक मांगते हैं।
नानी पुल और नया पुल
यह पुल “नानी पुल” नाम से भी मशहूर है क्योंकि लोग शाहदरा से पुरानी दिल्ली अपनी नानी-दादी के घर जाने के लिए इसी से गुजरते थे। समय के साथ इसका नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया। पुराने पुल के पास नया पुल बनाने की योजना 2003 में शुरू हुई, लेकिन अभी अधूरी है।
Disclaimer
यह जानकारी केवल पढ़ने और समझने के लिए है। किसी भी काम या फैसले के लिए हमेशा विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।