भारत के इस ऐतिहासिक इमारत में छुपे हैं कुछ गुप्त राज, जिन्हे सुनकर आप भी हो जाएंगे शॉक
भारत में ऐसे बहुत सारे अजूबे हैं जो काफी खूबसूरत नजर आते हैं यह केवल इमारत नहीं बल्कि इतिहास को भी दर्शाते है ऐसे ही मुंबई तट के ऊपर स्थित गेटवे ऑफ इंडिया है यहां पर लाखों लोग दूर-दूर से घूमने आते हैं यह भारत की संस्कृति और आर्किटेक्चर का एक बहुत अच्छा एग्जांपल है।
कब हुआ था गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण
गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण 1915 में शुरू हुआ था और यह 1924 तक जाकर पूरा हुआ था यह ब्रिटिश सरकार ने बनवाया था।
गेटवे ऑफ़ इंडिया बना आजादी का प्रतीक
1948 में जब ब्रिटिश सैनिक भारत को छोड़कर जा रहे थे तो उन्होंने गेटवे ऑफ इंडिया से ही विदाई ली थी यह स्मारक भारत के स्वतंत्रता मे एक बहुत बड़ा हिस्सा निभाता है।
इसके डिजाइन में दिखती है कई सारी संस्कृतियों
गेटवे ऑफ़ इंडिया का आर्किटेक्चर इंडो सारासेनिक हैं इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों की संस्कृतियों को काफी अच्छे से दिखाया गया है ।
पीले बेसाल्ट पत्थर का हुआ इस्तेमाल
गेटवे ऑफ़ इंडिया को बनाने के लिए पीले रंग के बेसाल्ट पत्थर का प्रयोग किया गया है इस पत्थर की क्वालिटी काफी ज्यादा अच्छी है जो लगभग कितने सालों बाद भी है काफी मजबूती से खड़ा हुआ है।
मुंबई का फोटोजेनिक लैंडमार्क
गेटवे ऑफ़ इंडिया सभी फोटोजेनिक लोगों के लिए एक खास जगह है यहां पर लोग फोटो खींचने आते हैं और हर दिन हजारों लोग काफी दूर-दूर से इस इमारत को देखने आते हैं।
ताज होटल के सामने
गेटवे ऑफ़ इंडिया मशहूर होटल ताज महल पैलेस के सामने है जो 1930 में बनाया गया था यह ऐतिहासिक जगह का एक अनोखा संगम है।
क्रूज और नाव का अहम बिंदु
गेटवे ऑफ़ इंडिया से ही एलिफेंटा केव्स अलीबाग और बाकी सारी जगह के लिए नाव चलती हैं यह एक फेमस टूरिस्ट प्लेस में भी आता है।
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