Ganpati Visarjan 2025: इन 6 बातों कि बंध ले गांठ अगर आप भी करने वाले है गणेश विसर्जन
Ganesh Visarjan 2025: गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के स्वागत का त्योहार है, जो दस दिन तक भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है और अंत में विसर्जन के साथ पूरा होता है। साल 2025 में गणेश विसर्जन 6 सितंबर, शनिवार को अनंत चतुर्दशी पर होगा। विसर्जन हमें सिखाता है कि जीवन अस्थायी है और सब कुछ अंत में प्रकृति में मिल जाता है। इस समय पर्यावरण का ध्यान रखना जरूरी है, इसलिए मिट्टी की मूर्ति का ही विसर्जन करें और गंदगी या प्लास्टिक पानी में न डालें। महाराष्ट्र, कर्नाटक और खासकर मुंबई-पुणे में गणपति विसर्जन बड़े जुलूस और “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी और विसर्जन 2025
गणेश चतुर्थी भारत का बहुत बड़ा त्योहार है। लोग घरों और पंडालों में गणपति जी का स्वागत करते हैं, आरती करते हैं और मोदक का भोग लगाते हैं। यह दस दिन का त्योहार गणेश विसर्जन के साथ खत्म होता है। साल 2025 में गणेश विसर्जन 6 सितंबर, शनिवार को अनंत चतुर्दशी पर होगा।
विसर्जन का महत्व
गणेश विसर्जन हमें सिखाता है कि जीवन और संसार अस्थायी हैं। जैसे मूर्ति पानी में मिल जाती है, वैसे ही सब चीजें अंत में प्रकृति में लौट जाती हैं। यह बप्पा को अलविदा नहीं, बल्कि अगले साल फिर से उनके आने का वादा होता है।
विसर्जन में न करें ये गलतियाँ
गंदे पानी में मूर्ति न डालें, केवल स्वच्छ जल में ही विसर्जन करें। प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों का उपयोग न करें क्योंकि यह पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है। विसर्जन से पहले उत्तर पूजा जरूर करें और प्लास्टिक या थर्मोकोल जैसी चीजे पानी में न डालें।
विसर्जन का सही तरीका
मूर्ति विसर्जन से पहले उत्तर पूजा करें। मूर्ति पर हल्दी, चंदन, सिंदूर और फूल चढ़ाएँ। गणपति मंत्रों का जाप करें और आरती करें। मूर्ति को सम्मान से ले जाएँ। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए केवल मिट्टी की मूर्तियों को ही स्वच्छ जल में विसर्जित करें और बाद में प्रसाद बाँटें।
विसर्जन की पवित्रता कैसे बनाए रखें
विसर्जन को कभी लापरवाही या जल्दबाजी में न करें। शराब से दूर रहें। विसर्जन आनंद और भक्ति दोनों का मिलाप है। । भक्त भाव से गणपति बप्पा को विदा करें।
भारत भर में गणेश विसर्जन
भारत के कई राज्यों में गणेश विसर्जन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात में। मुंबई और पुणे में तो लाखों लोग जुलूस में शामिल होकर "गणपति बप्पा मोरया" के जयकारे लगाते हैं। भक्तों की आस्था और ऊर्जा इस उत्सव को खास बना देती है।
Disclaimer
यह जानकारी केवल पढ़ने और समझने के लिए है। किसी भी काम या फैसले के लिए हमेशा विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।