कबूतर को रोजाना दाना खिलाना क्यों है शुभ? वास्तु और धार्मिक मान्यताओं में छुपा है राज
वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं में कबूतर को दाना खिलाना एक शुभ और पुण्यकारी कार्य माना गया है। यह न केवल परिवार में सकारात्मक ऊर्जा लाता है, बल्कि आर्थिक समृद्धि और रिश्तों में मिठास भी बढ़ाता है। धार्मिक दृष्टि से, यह पापों के क्षय और ग्रह दोष निवारण में मददगार होता है। आइए जानतें हैं इसके बारें में..
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
वास्तु शास्त्र के अनुसार कबूतर को दाना खिलाना न केवल एक दयालु कार्य है, बल्कि यह आपके घर और आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। कबूतर शांति और प्रेम के प्रतीक माने जाते हैं, और इनकी उपस्थिति घर में सुकून का माहौल बनाती
पितृ दोष की शांति
वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में कबूतर को दाना खिलाना पितृ दोष निवारण का एक सरल उपाय माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों के जीवन में बिना वजह रुकावटें, आर्थिक समस्याएं या मानसिक तनाव होता है, उनके कुंडली में पितृ दोष हो सकता है।
आर्थिक समृद्धि का संकेत
कबूतर को दाना खिलाना आर्थिक उन्नति और घर में धन-समृद्धि लाने वाला माना जाता है। वास्तु के अनुसार, कबूतर घर के आस-पास मंडराने लगें तो यह शुभ संकेत होता है कि जल्द ही आर्थिक लाभ होने वाला है। दाना खिलाने से यह शुभ संकेत और मजबूत होता है।
शनि और राहु का प्रभाव कम करना
ज्योतिष में शनि और राहु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए कबूतर को दाना खिलाना एक आसान और असरदार उपाय माना जाता है। माना जाता है कि कबूतर शनि देव को प्रिय हैं और इन्हें भोजन कराना शनि की कृपा पाने का एक साधन है।
मानसिक शांति और तनाव मुक्ति
कबूतरों को दाना खिलाने की प्रक्रिया खुद में एक मेडिटेशन जैसी होती है। सुबह-सुबह खुली हवा में कबूतरों के बीच बैठकर उन्हें दाना खिलाने से मन शांत होता है और दिनभर की भागदौड़ के लिए मानसिक ऊर्जा मिलती है।
घर में वास्तु दोष कम करना
कभी-कभी घर के नक्शे या निर्माण में हुई गलतियों के कारण नकारात्मक ऊर्जा फैलने लगती है। कबूतरों को दाना खिलाना और उन्हें घर के पास ठहरने देना, इस नकारात्मकता को काफी हद तक कम कर सकता है।
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