क्या आप भी सितंबर की ठंडी हवाओं में चाहते हैं घूमना ? तो इन झीलों की सैर जरूर करें
उत्तर–पूर्व भारत अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। अगर आप सितंबर महीने में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको ऐसी 8 झीलों के बारे में बताएंगे, जिसके बाद आप यहां जरूर आना चाहेंगे।
लोकटक झील, मणिपुर
लोकटक झील उत्तर–पूर्व की सबसे बड़ी मीठ पानी की झील है, जो अपनी तैरती फुमिडी के कारण अनोखी है। इसी पर बसी है केइबल लमजाओ नेशनल पार्क, दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान, जो सांगी हिरण का घर है । रैमसर साइट घोषित यह झील पारिस्थितिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
उमियाम झील, मेघालय
शिलॉन्ग से केवल 15 किमी दूर, उमियाम झील एक मानव निर्मित जलाशय है, जिसने खूबसूरत पहाड़ों से घिरे एक पिकनिक और वाटरस्पोर्ट्स स्पॉट का रूप ले लिया है । यहाँ की बोटिंग , कायाकिंग और हरी छांव के बीच समय बिताना यादगार होता है।
शिलोई झील, नागालैंड
पैठ जिला की पहाड़ियों में बसी शिलोई झील नगालैंड की सबसे बड़ी प्राकृतिक जलधारा है, जिसे स्थानीय लोग पवित्र मानते हैं। इसकी आकार रेखा इंसानी पैर जैसी होने के कारण इसे विशेष महत्ता मिली है । यह चुपचाप, शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है।
गुरुडोंगमार झील, सिक्किम
लगभग 5,425 मीटर की ऊँचाई पर बसी यह झील दुनिया का हईगहेस्ट बर्फीले पर्वतों से घिरा पहाड़ी परिदृश्य और स्वच्छ नीले पानी के लिए जानी जाती है।
त्सोंगो झील, सिक्किम
गंगटोक से करीब 40 किलोमीटर दूर, यह ग्लेशियल झील चारों ओर बर्फीले पहाड़ों से घिरी होती है। झील की सतह मौसम के अनुसार रंग बदलती रहती है और स्थानीय भिक्षुओं द्वारा इसे पवित्र माना जाता है ।
चांड्यूबी झील, असम
गुवाहाटी से लगभग 65 किमी दूर, गारो पहाड़ियों के तल पर बसी यह झील गहरी जंगलों और चाय बागानों से घिरी एक पिकनिक व कैम्पिंग स्थल है। यह विशेष रूप से सर्दियों में प्रवासी पक्षियों के लिए आकर्षक बन जाती है ।
Disclaimer
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