दिल्ली-NCR में प्रदूषण ‘सीरियस’! AQI पहुंचा 380 के पार, GRAP-4 के नियम स्टेज-3 में हुए लागू
Delhi-NCR Pollution and AQI: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार तेज़ी से बढ़ता जा रहा है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ आंखों में जलन की समस्या देखने को मिसल रही है. तो वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर भी पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, रविवार को औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़कर 380 (‘बहुत खराब’ श्रेणी) में दर्ज किया गया है. प्रदूषण की गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही ऑफिस बुलाने की सख्त से सख्त सलाह दी है.
खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
दिल्ली-NCR का औसत AQI बढ़कर 380 (बहुत खराब श्रेणी) में पहुंच गया है, जिसका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है.
'सीवियर' ज़ोन में कौन-कौन इलाके हैं शामिल
जहांगीरपुरी (438), बवाना (431), और आनंद विहार (427) जैसे इलाकों को 'गंभीर' प्रदूषण श्रेणी में दर्ज किया गया है.
वायु प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य को खतरा
400 से ऊपर का AQI सामान्य लोगों के लिए भी सांस लेने में काफी दिक्कत पैदा करता है, अस्थमा और बुजुर्गों के लिए स्थिति बेहद ही खतरनाक हो जाती है.
GRAP नियमों में सख्ती
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए GRAP नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं.
स्टेज-IV के नियम अब स्टेज-III में
पहले जो कड़े नियम GRAP स्टेज-IV (गंभीर) में लागू होते थे, वे अब स्टेज-III में ही लागू कर दिए जाएंगे, यानी सख्ती पहले से ही शुरू कर दी जाएगी.
डीज़ल जनरेटर पर प्रतिबंध
डीज़ल जनरेटर सेट का इस्तेमाल अब और ज्यादा सीमित कर दिया गया है.
ट्रैफिक नियंत्रण
ट्रैफिक जाम वाले इलाकों में अतिरिक्त पुलिसकर्मी ही तैनात किए जाएंगे और ट्रैफिक नियंत्रण पर ज़्यादा ये ज्यादा ध्यान भी दिया जाएगा.
ऑफिस के समय में किए गए बदलाव
GRAP स्टेज-II के तहत अब सरकारी कार्यालयों के ऑफिस टाइम (दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा में) अलग-अलग करने का विकल्प लागू किया गया है.
वर्क फ्रॉम होम की दी गई सलाह
दिल्ली सरकार ने निजी कार्यालयों को सलाह देते हुए कहा है कि वे केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही केवल ऑफिस बुलाएं और बाकी को घर से काम (Work From Home) करने की अनुमति दी जाएगी.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा
इसके साथ ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाएगी और ऑफ-पीक ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग किराए भी तय किए जाएंगे.