दिल्ली धमाके में नया मोड़, जैश की ‘लेडी विंग कमांडर’ ने तैयार की लड़कियों की ‘फौज’, जानें 10 बड़े खुलासे!
Delhi Blast Case, Doctor Shaheen: दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट की जांच में लगातार नए और कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक हैरान करने वाला खुलासा सामने आया है, जैश-ए-मोहम्मद की पकड़ी गई ‘लेडी विंग कमांडर’ डॉ. शाहीन ने कानपुर और आस-पास के ज़िलों में गरीब परिवारों की लड़कियों को बहला-फुसलाकर एक महिला स्लीपर सेल का खौफनाक नेटवर्क तैयार किया था. शाहीन की गिरफ्तारी के ठीक बाद ही उसकी विंग से जुड़ी 19 से ज्यादा महिलाओं के मोबाइल नंबर एक साथ बंद हो गए, जिससे एजेंसियों का शक तेजी से गहराता हुआ चला गया.
लेडी कमांडर का खुलासा
जैश-ए-मोहम्मद की संदिग्ध 'लेडी विंग कमांडर' डॉ. शाहीन दिल्ली विस्फोट मामले की जांच में मुख्य कड़ी बनी हुई है.
कानपुर में खतरनाक नेटवर्क
डॉ. शाहीन ने कानपुर और आसपास के जिलों जैसे फतेहपुर, उन्नाव, कन्नौज में महिलाओं को बहला-फुसलाकर स्लीपर सेल नेटवर्क तैयार किया था.
लड़कियों की भर्ती
भर्ती किए गए सदस्यों में ज्यादातर टीनएजर लड़कियां और गरीब परिवारों की महिलाएं थीं, जिन्हें धार्मिक शिक्षा और बेहतर जीवन के झांसे में फंसाया गया था.
नंबर अचानक क्यों हुआ बंद
डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी के ठीक बाद ही उनकी महिला विंग से जुड़ी 19 से ज्यादा महिलाओं के मोबाइल नंबर एक साथ बंद पाए गए.
क्या है संगठन का नाम?
डॉ. शाहीन इन महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से ब्रेनवॉश कर अपने संगठन जमात-उल-मोमिनात में शामिल करने में जुटी हुई थी.
डॉक्टरों से की गई पूछताछ
यूपी एटीएस ने मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल के संपर्क में रहे 10 से ज्यादा डॉक्टरों से पूछताछ की जा रही है.
संदिग्ध ज़िले
पूछताछ वाले जिले में बहराइच, अलीगढ़, नोएडा, सहारनपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल और मुजफ्फरनगर जैसे जिले शामिल हैं.
संदिग्ध डॉक्टर को बुलाया गया लखनऊ
मुरादाबाद के तीन डॉक्टर जो धमाके के बाद मोबाइल बंद कर चुके थे, उन्हें संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय बुलाया गया है.
क्या है सिम कार्ड कनेक्शन?
फिलहाल, जांच में यह पता चला है कि दिल्ली धमाके को कानपुर से खरीदे गए सिम कार्ड से ऑपरेट किया गया था, जिसकी खरीद बेकनगंज क्षेत्र से की गई
कहां तक पहुंची एजेंसियों की कार्रवाई?
खुफिया एजेंसियों ने अब टेलिकॉम कंपनियों से 10 नवंबर के बाद बेचे गए नए सिम कार्डों की पूरी डिटेल मांगी है ताकि संदिग्धों को जल्द से जल्द ट्रैक किया जा सके.