मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चो की मौत: दूषित Cough Syrup पर लगाया बैन, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
हाल ही में मध्य प्रदेश और राजस्थान में ज़हरीला कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई। इस मामले के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने तुरंत जांच शुरू की और कई दवा कंपनियों की दवाओं पर रोक लगा दी। तमिलनाडु और राजस्थान में बनी दवाओं के नमूनों में खतरनाक केमिकल पाए गए हैं। अब सरकार ने कफ सिरप और बच्चों को दी जाने वाली दवाओं को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।
कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला
मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद सरकार अलर्ट हो गई है। जांच में सामने आया है कि मौतें ज़हरीले कफ सिरप से हो सकती हैं।
CDSCO की जांच शुरू
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 6 राज्यों की दवा फैक्ट्रियों में जांच शुरू की है। इनमें हिमाचल, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।
19 सैंपल की जांच
अब तक 19 दवाओं के सैंपल लिए गए हैं जिनमें कफ सिरप, एंटीबायोटिक और बुखार की दवाएं शामिल हैं। कई नमूनों की जांच जारी है।
तमिलनाडु में Coldrif पर बैन
तमिलनाडु सरकार ने जांच के बाद पाया कि Coldrif कफ सिरप में खतरनाक केमिकल (DEG) तय सीमा से ज्यादा है। इसके बाद इसकी बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी गई।
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 9 बच्चों की मौत हुई है। कई और बच्चे इलाज के लिए भर्ती हैं। सरकार ने Coldrif और कंपनी की बाकी दवाओं पर भी बैन लगाया है।
अन्य राज्यों की कार्रवाई
राजस्थान सरकार ने भी Coldrif पर बैन लगाया और दवा कंपनी के सभी 19 प्रोडक्ट्स रोक दिए।केरल में भी इस सिरप की बिक्री बंद कर दी गई है। उत्तराखंड में दवा दुकानों और हॉस्पिटल फार्मेसी पर छापे मारे जा रहे हैं।
कंपनियों पर सख्ती
तमिलनाडु की दवा कंपनी स्रेसन फार्मा का प्रोडक्शन रोका गया है। वहीं, राजस्थान की केसन्स फार्मा की सभी दवाओं की सप्लाई निलंबित कर दी गई है।
बच्चों के लिए कफ सिरप पर नई गाइडलाइन
केंद्र सरकार ने राज्यों को चेतावनी दी है कि।2 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दिया जाए। 5 साल तक के बच्चों में भी बहुत सोच-समझकर और डॉक्टर की देखरेख में ही दवाएं दी जाएं।
आगे की जांच और चेतावनी
विशेषज्ञों की कई टीमें कारणों की जांच कर रही हैं। सरकार ने साफ किया है कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक दवाओं पर अब साफ चेतावनी लिखी जाएगी।