Alta: अविवाहित लड़कियां आलता लगाते समय एड़ियां क्यों नहीं मिलातीं? जानें इसके पीछे का रहस्य
Alta: हिंदू धर्म में आलता बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. यह सुहाग की पहचान है, लेकिन इसे अविवाहित लड़कियां भी लगाती हैं. इसे अविवाहित लड़कियां इसे अलग तरह से लगाती हैं, जानें इसका रहस्य.
Alta
हिंदू धर्म में आलता सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक है. इसे सुहागिन महिलाएं सोलाह श्रृंगार के रूप में लगाती हैं. खासकर व्रत, त्योहार, शागी और धार्मिक अनुष्ठानों से पहले महिलाएं आलता लगाती है. आलता सौंदर्य बढ़ाने, नारीत्व का उत्सव मनाने और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए भी लगाया जाता है.
Alta
आलता को महावर भी कहा जाता है. आलता पैरों और हाथों में लगाया जाता है और यह सौंदर्य और आकर्षण को बढ़ाता है. इसे पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए लगाया जाता है.
Alta
आलता महिलाओं के लिए सुरक्षा कवच के रूप में भी देखा जाता है. इसको लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. साथ ही इसे कुंआरी कन्याएं भी लगाती हैं.
Alta
आलता अविवाहित कन्याएं भी लगाती है. इसे विवाह में हो रही देरी को दूर करने के लिए लगाया जाता है. साथ ही अविवाहित महिलाएं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भी इसे लगाती है.
Alta
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अलता के साथ एड़ियों को जोड़ना पूर्णता का प्रतीक है. एक अविवाहित लड़की को उसके पिता के घर का हिस्सा माना जाता है, और वह उस घर को छोड़कर दूसरे घर जाती है. इसी वजह से अविवाहित लड़कियां आलता लगाते समय एड़ियां नहीं मिलातीं.
Alta
एड़ियों को न जोड़ना इस बात की ओर इशारा करता है कि, लड़की का जीवन अभी पूरा नहीं हुआ है, और वह ससुराल जाकर अपने नए जीवन की शुरुआत करेगी.