Madhya Pradesh VIT College Students Protest: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के वीआईटी कॉलेज परिसर में छात्रों का जमकर हंगामा देखने को मिला है. जहां, गुस्साए छात्रों ने बस के साथ-साथ एंबुलेंस में आग लगा दी है. आखिर क्या है इसके पीछे की वजह जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
क्या है आग लगाने के पीछे की वजह?
दरअसल, यह वारदात मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के वीआईटी कॉलेज परिसर में हुई. जहां, हॉस्टल में रहने वाले लगभग 3 हजार से 4 हजार छात्रों ने भोजन और पानी की गुणवत्ता को घटिया बताते हुए अपना गुस्सा जताया. लेकिन देखते ही देखते यह विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया कि छात्रों ने गुस्से में आकर कॉलेज परिसर में खड़ी कॉलेज की बस, दो निजी कार और एक एंबुलेंस को आग के हवाले कर दिया. इतना ही नहीं, हॉस्टल के अंदर और आरओ (RO) प्लांट समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी छात्रों के संगठन ने जमकर तोड़फोड़ किया और खूब हंगामा भी किया.
यहां देखें घटना का पूरा वीडियो
विवाद और आरोप की जड़
गुस्साए छात्रों के मुताबिक, इस पूरे घटना की जड़ घटिया मेस (Mess) का भोजन और खराब पेयजल है, जिसकी वजह से कैंपस में गंभीर स्वास्थ्य की समस्याएं देखने को मिल रही है. तो वहीं, छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि खराब भोजन और पानी की वजह से कॉलेज के परिसर में पीलिया (Jaundice) और अन्य गंभीर बीमारियों का प्रकोप छात्रों में तेजी से बढ़ता जा रहा है.
इसके अलावा छात्रों ने आगे दावा करते हुए कहा कि खराब खाने और पानी की वजह से कई छात्र लगातार बीमार पड़ते जा रहे हैं. लेकिन, इसके बावजूद भी कॉलेज प्रशासन ने मामले में किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है. और तो और कॉलेज प्रशासन ने तुरंत इन अफवाहों का पूरी तरह से खंडन तक कर दिया है. वीआईटी कॉलेज के रजिस्ट्रार के. के. नायर ने बयान में जानकारी देते हुए बताया कि जॉन्डिस और खराब पानी की वजह से मौत जैसी खबरें पूरी तरह से झूठी हैं.
क्या है हिंसा की असली वजह?
इतना ही छात्रों ने आगे कहा कि यह हिंसा अचानक नहीं भड़की है. छात्रों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इस गंभीर मामले को लेकर कई बार कॉलवेज प्रशासन के साथ-साथ हॉस्टल प्रबंधन को खाने और पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिकायत की लेकिन तमाम शिकायतों के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया है. कार्रवाई करने की बजाय कॉलेज प्रशासन ने मामले को पूरी तरह से दबाने की कोशिश की है. जब छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीक से इसका विरोध किया तो देखते ही देखते प्रदर्शन ने अलग ही रूप ले लिया था.
तो वहीं, दूसरी तरफ छात्रों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हॉस्टल वार्डन और गार्ड्स ने विरोध को रोकने के लिए न सिर्फ उनके साथ जमकर मारपीट की बल्कि उन्हें पूरी तरह से धमकाने की भी कोशिश की गई. कॉलेज प्रशासन की इस हरकत के बाद से छात्रों का गुस्सा और भी तेजी से बढ़ गया और उन्होंने शांति की जगह हिंसक रास्ता अपनाने का फैसला लिया.
उग्र विरोध और संपत्ति का हुआ नुकसान
बिना किसी पूर्व नियोजित योजना के, छात्रों का विशाल हुजूम, जिसकी संख्या 3 हजार से ज्यादा के करीब थी, यह सभी छात्र एक साथ संगठित होकर विरोध स्थल पर पहुंच गए. गुस्से और आक्रोश की लहर में, छात्रों ने परिसर में हंगामा करना शुरू कर दिया. तो वहीं, कॉलेज बस और एंबुलेंस को छात्रों ने आग के हवाले तक कर दिया. इसके साथ ही हॉस्टल की खिड़कियों के शीशे भी तोड़े गए और आरओ प्लांट जैसे महत्वपूर्ण चीजों को भारी नुकसान पहुंचाया गया.
प्रशासनिक हस्तक्षेप और शांति बहाली
हिंसा की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आया. आष्टा SDM नितिन टाले, SDOP आकाश अमलकर के साथ-साथ आष्टा, जावर, पार्वती, कोतवाली और मंडी थाना क्षेत्रों से भारी पुलिस बल को कॉलेज परिसर में तैनात किया गया. तो वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल इस्तेमाल के बजाय छात्रों से लगातार बातचीत करने की कोशिश की. प्रशासन और पुलिस की टीम ने पूरी रात कैंपस में डेरा डालकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, जिसके बाद हालात में कुछ सुधार देखने को मिला.
मामले में कार्रवाई और आश्वासन
इस घटना पर SDM नितिन टाले ने छात्रों को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने भोजन और पानी के सैंपल लेकर गुणवत्ता की जांच कराने के सख्त से सख्त निर्देश दिए हैं. तो वहीं, बीमार छात्रों की संख्या और पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया अब तेजी से शुरू कर दी गई है.
इसके साथ ही SDOP आकाश अमलकर ने इस पूरे घटनाक्रम पर बताया कि प्रशासन ने हॉस्टल प्रबंधन से जवाब तलब किया है. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भविष्य में किसी भी छात्र पर दबाव डाला गया या फिर उन्हें धमकाने की कोशिश की गई तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस घटना के बाद से वीआईटी कॉलेज में 30 नवंबर तक अवकाश घोषित कर दिया गया है, और कई छात्र अपने घरों की तरफ लौट चुके हैं.
घटना पर क्या बोले एसपी दीपक?
इस हैरान करने वाले घटनाक्रम पर एसपी दीपक शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थिति सामान्य होने के बाद कॉलेज प्रबंधन, छात्रों के प्रतिनिधिमंडल और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बैठक में खाने और पानी की गुणवत्ता, हॉस्टल की व्यवस्थाओं और अस्पताल में भर्ती छात्रों की स्थिति समते सभी लंबित मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर कोर लगाया जा सके.
वीआईटी कॉलेज के रजिस्ट्रार द्वारा भले ही मृत्यु की अफवाहों को झूठा बताया गया हो, लेकिन छात्रों का इतना उग्र विरोध, 100 छात्रों का अस्पताल में भर्ती होना, और प्रबंधन पर मारपीट के आरोप इस बात का सबूत हैं कि हॉस्टल व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं की गुणवत्ता को लेकर एक गंभीर संकट मौजूद था, जिसने आखिरी में हिंसा का डरावाना रूप ले लिया. फिलहाल, इस घटना में प्रशासन की यह बैठक ही आगे की राह अब तय कर पाएगी. पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है.

