Mamta kulkarni Controversy: अभिनेत्री ममता कुलकर्णी एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं. गोरखपुर में दिए गए एक बयान में उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का बचाव करते हुए कहा, “उसने कोई बम विस्फोट नहीं किया और वह आतंकवादी नहीं है.” इस बयान पर देशव्यापी हंगामा हुआ और कई धार्मिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
किन्नर जगद्गुरु ने लगाए गंभीर आरोप
अब इसी कड़ी में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह खुद को महामंडलेश्वर कहती हैं, लेकिन असल में सनातन धर्म को बदनाम करने का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, “वह दाऊद इब्राहिम की भेजी कठपुतली हैं. उनके खुद के आतंकवादियों से संबंध हो सकते हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए.” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार ने अभी तक इस मामले की जाँच क्यों नहीं शुरू की है.
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‘नकली भगवा चोला पहने हैं’
इस बीच, उज्जैन के किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने भी ममता कुलकर्णी और अखाड़े की पूर्व आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर हमला बोला. उन्होंने दोनों पर “नकली भगवा चोला पहनने” और धार्मिक मूल्यों से भटकने का आरोप लगाया.
ऋषि अजय दास ने एक पत्र जारी कर घोषणा की कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से मुक्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2015-16 के उज्जैन कुंभ मेले के दौरान उन्हें धार्मिक और सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से यह दायित्व सौंपा गया था, लेकिन 2019 के प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान उन्होंने जूना अखाड़े के साथ एक अनुबंध किया, जो धोखाधड़ी (420) की श्रेणी में आता है.
किन्नर अखाड़े के भीतर आंतरिक लड़ाई
उन्होंने आगे दावा किया कि किन्नर अखाड़े का पंजीकरण और ज़मीन उनके नाम पर है, और प्रयागराज उच्च न्यायालय ने भी उन्हें संस्थापक के रूप में मान्यता दी है. कुल मिलाकर, ममता कुलकर्णी के दाऊद समर्थक बयान से शुरू हुआ विवाद अब किन्नर अखाड़े के भीतर आंतरिक राजनीति और धार्मिक वैधता की लड़ाई में बदल गया है.
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