Diwali Decoration Candles: उत्तराखंड (Uttrakhand) की खूबसूरत हिल स्टेशन नैनीताल सिर्फ अपनी झीलों और हरियाली के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी पारंपरिक कैंडल कला के लिए भी प्रसिद्ध है. नैनीताल की ये कैंडल्स किसी आम सजावट का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि शहर की संस्कृति और हुनर की जीवंत झलक हैं. हर कैंडल में रंग, खुशबू और डिज़ाइन का ऐसा संगम मिलता है कि देखते ही बनता है.
यहां की कैंडल्स सिर्फ सुंदर नहीं बल्कि बेहद खास होती हैं. ऐपण कैंडल्स, जो उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला ऐपण से प्रेरित हैं, हर छोटे-छोटे पैटर्न और डिजाइन में स्थानीय संस्कृति को बखूबी दर्शाती हैं. वहीं, मिठाई कैंडल्स देखने में बिल्कुल असली मिठाइयों जैसी लगती हैं- लड्डू, बर्फी और गुलाब जामुन जैसी आकृतियों में बनी ये कैंडल्स हर उम्र के लोगों को लुभाती हैं. नैनीताल की कैंडल्स में सिर्फ रंगीन मोम नहीं होता, बल्कि उनमें स्थानीय कारीगरों की मेहनत और रचनात्मकता झलकती है.
इन कैंडल्स से महक जाएगा घर
दिवाली जैसे त्योहारों में इन कैंडल्स की रौनक और बढ़ जाती है. अरोमा कैंडल्स, फ्लोटिंग कैंडल्स और थीम कैंडल्स शहर की दुकानों में सजावट की चमक को बढ़ा देते हैं. इन कैंडल्स की खुशबू और नाज़ुक डिज़ाइन हर घर में उत्सव की ऊर्जा भर देती हैं. पर्यटक भी नैनीताल की कैंडल्स को अपने साथ ले जाते हैं, ताकि यह खूबसूरती अपने घर तक ले जा सकें.
नैनीताल की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक
नैनीताल की कैंडल्स सिर्फ सजावट का सामान नहीं हैं, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं. हर कैंडल में नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता, स्थानीय कला और कारीगरों का हुनर बसा हुआ है. चाहे रंगीन फ्लोटिंग कैंडल्स हों या पारंपरिक ऐपण डिज़ाइन वाली कैंडल्स, हर एक कैंडल अपने आप में एक छोटी कलाकृति है.
त्योहार की रौनक बढ़ जाती है
सालों की मेहनत, रंगों का खेल और खुशबू का जादू, नैनीताल की कैंडल्स हर किसी के दिल को छू लेती हैं. यह शहर की सुंदरता और संस्कृति का प्रतीक हैं, और हर दिवाली पर इनकी चमक और बढ़ जाती है. नैनीताल की ये कैंडल्स सच में एक अनुभव हैं, जो देखने और महसूस करने लायक हैं.

