Ghosting In Relationships: रिश्ते की शुरुआत में हर दिन घंटों बातें होना आम बात होती है लेकिन अगर अचानक आपके पार्टनर के कॉल, मैसेज या रिप्लाई बंद हो जाएं, तो ये सिर्फ व्यस्तता नहीं बल्कि घोस्टिंग की शुरुआत हो सकती है. जब कोई व्यक्ति बिना बताए दूरी बना लेता है और संपर्क से बचने लगता है, तो समझ लें कि इमोशनल कनेक्शन कमजोर हो चुका है, रिश्ते में कन्वर्सेशन का टूटना अक्सर उसके अंत की पहली चेतावनी होती है.
बदलता रवैया: जब प्यार की जगह उदासी ले ले
पहले जो व्यक्ति आपकी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता था, अब वही आपको नजरअंदाज करने लगे, तो सतर्क हो जाएं. ये बदलाव सिर्फ मूड का नहीं, बल्कि रिश्ते के ठंडे पड़ने का संकेत है. जब पार्टनर आपकी भावनाओं को समझने के बजाय हर बात में दूरी महसूस कराने लगे, तो ये बताता है कि वो धीरे-धीरे रिश्ता खत्म करने की तैयारी कर रहा है, घोस्टिंग से पहले यही सबसे आम बदलाव देखने को मिलता है.
झूठे बहाने: जब हर मुलाकात के लिए वजह बन जाए
अगर आपका साथी बार-बार मिलने से बचता है, और हर बार कोई नया बहाना देता है कभी काम का, कभी थकान का तो समझिए बात कुछ और है. रिश्ते में दिलचस्पी रखने वाला इंसान वक्त निकाल ही लेता है, जब बहानों की लिस्ट बढ़ने लगे और सच्चाई कम दिखे, तो ये साफ इशारा होता है कि वह भावनात्मक रूप से दूर जा रहा है, ये भी घोस्टिंग की प्रक्रिया का हिस्सा है.
सोशल मीडिया का खेल: ऑनलाइन एक्टिव, पर आपसे गायब
आज के दौर में सोशल मीडिया इंसान की मौजूदगी का सबूत बन गया है, अगर आपका पार्टनर सोशल प्लेटफॉर्म पर एक्टिव है लेकिन आपके संदेशों को नजरअंदाज कर रहा है, तो ये संकेत है कि वह आपसे बच रहा है. यह डिजिटल दूरी, असल दूरी में बदल जाती है.
बातों में ठंडापन: जब प्यार की जगह चुप्पी आ जाए
पहले जो हर बात में अपनापन दिखाता था, अब वही कुछ कहने से कतराता है, तो यह भावनात्मक अलगाव का संकेत है. जब पार्टनर की बातों में रुचि, देखभाल या सच्चाई की कमी दिखने लगे, तो रिश्ता धीरे-धीरे खत्म होने की ओर बढ़ रहा होता है, घोस्टिंग अक्सर इसी ठंडे व्यवहार से शुरू होती है और एक दिन पूरी तरह खत्म हो जाती है.

