Chandigarh Famers Protest: चंडीगढ़ में किसान संगठनों के मार्च को लेकर पंजाप यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चे के बंद होने की वडह से प्रशासन पूरी तरह से हाई अलर्ट मोड पर नज़र आ रही है, तो वहीं, दूसरी तरफ चंडीगढ़ पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के भी खास इंतजाम किए हैं. जिसपर एसएसपी कंवरदीप कौर के मुताबिक, शहर में 3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. इसके साथ ही सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं, और बाहरी राज्यों से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई है.
आखिर क्या है किसानों की मांग?
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि रैली का मुख्य उद्देश्य एसकेएम आंदोलन की 5वीं वर्षगांठ मनाना और लंबित मांगों को पूरा करवाना है. मांग में एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी, और शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा देना जैसे अन्य चीजें भी शामिल हैं. तो वहीं, दूसरी तरफ किसानों की रैली के लिए सेक्टर-43 में स्थान दिया गया है, और प्रशासन का उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीके से सुनिश्चित करना है.
पंजाब यूनिवर्सिटी क्यों हुआ बंद?
किसान मोर्चा को ध्यान में रखते हुए ‘पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा’ ने सीनेट चुनावों का शेड्यूल जारी करने की सख्त से सख्त मांग की है. जिसको लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने 26 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी के सभी गेट, प्रशासनिक भवन और स्टूडेंट सेंटर बंद रखने का ऐलान किया है.
यातायात पर क्या पड़ सकता है असर?
यातायात को लेकर ट्रैफिक एसएसपी सुमेर प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी और सेक्टर-43 के आसपास भारी जाम लगने की ज्यादा संभावना है और मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन भी किया जा सकता है. साथ ही बताया कि पुलिस ने नागरिकों से अनावश्यक यात्रा से बचने और ट्रैफिक एडवाइजरी का पालन करने की सख्त से सख्त अपील की है. तो वहीं, पिछले साल सिंतबर के महीने में किसानों ने पांच दिनों तक धरना दिया था, जिसकी वजह से शहर में जाम को लेकर समस्या देखने को मिली थी

