Teacher Recruitment: बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि TRE 4 के तहत होने वाली शिक्षक नियुक्तियों की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और इसकी जानकारी BPSC को भेजी जा रही है। इस फैसले के साथ बिहार के छात्रों को एक बड़ी राहत मिली है, खासकर डोमिसाइल नीति लागू होने के बाद।
डोमिसाइल नीति से स्थानीय छात्रों को प्राथमिकता
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अब TRE 4 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में लगभग 86-87 प्रतिशत उम्मीदवार बिहार के ही होंगे। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि स्थानीय छात्रों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाए। खास बात यह है कि बिहार के शिक्षण संस्थानों से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को सीधी प्राथमिकता मिलेगी।
नई नीति के तहत, शिक्षा विभाग की सेवा शर्त नियमावली 2025 के अंतर्गत यह व्यवस्था की गई है कि 40% पद विशेष रूप से उन उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होंगे जिन्होंने मैट्रिक और इंटर बिहार से ही पास किया है। इसके अलावा अन्य आरक्षण मिलाकर कुल मिलाकर 85% से अधिक पद बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित हो जाएंगे।
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स्थानीय प्रतिभाओं को मिलेगा लाभ
यह निर्णय न केवल बिहार के युवाओं को शिक्षा विभाग में नौकरी के अधिक अवसर देगा, बल्कि राज्य में स्थानीय प्रतिभाओं के प्रवाह को भी बनाए रखेगा। इससे बाहरी उम्मीदवारों की तुलना में स्थानीय छात्रों को अधिक लाभ मिलेगा और बेरोजगारी दर में कमी आने की संभावना है।
चुनौतियाँ भी हैं बरकरार
हालांकि यह नीति छात्रों के लिए सकारात्मक कदम है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह शिक्षा व्यवस्था में सुधार की शुरुआत भर है। इसके साथ-साथ भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता, पेपर लीक रोकथाम, प्रशिक्षण की गुणवत्ता और पाठ्यक्रम विकास जैसे मुद्दों पर भी सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।
TRE 4 शिक्षक भर्ती 2025 बिहार के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है, खासकर उन छात्रों के लिए जो राज्य में पढ़ाई कर नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। डोमिसाइल नीति से जहां एक ओर स्थानीय उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा, वहीं यह बिहार में स्थायी और योग्य शिक्षा व्यवस्था की नींव रखने में भी मददगार साबित हो सकती है।

